नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से कृषि कानून वापस लिए जाने की घोषणा की जा चुकी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों से आंदोलन समाप्त कर घर लौटने की अपील भी की थी मगर किसान वेट एंड वॉच की नीति पर चलते नजर आ रहे हैं। किसानों ने आंदोलन की दशा एवं दिशा पर बातचीत के लिए आज मीटिंग बुलाई थी। इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) में सम्मिलित सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित होना था।
किसानों ने सरकार की घोषणा पर निर्णय को लेकर बुलाई गई मीटिंग अब 27 नवंबर तक टाल दिया है। किसानों की ये मीटिंग अब 27 नवंबर को होगी जिसमें आंदोलन की दशा एवं दिशा, भविष्य की योजना पर निर्णय होगा। खबर के अनुसार, तब तक पहले से निर्धारित कार्यक्रम नीयत वक़्त पर होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, लखनऊ में होने जा रही महापंचायत भी अपने पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी।
वही इस सिलसिले में जानकारी देते हुए बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 22 नवंबर को महापंचायत, 26 नवंबर को आंदोलन के एक वर्ष पूरे होने पर दिल्ली की प्रत्येक सीमा पर गैदरिंग के कार्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 29 नवंबर को संसद मार्च के समारोह को लेकर 27 नवंबर को होने वाली मीटिंग में निर्णय लिया जाएगा।
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