खेल मंत्रालय से ट्रेनिंग के लिए हरी झंडी मिलने के बाद विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता राइफल निशानेबाज अंजुम मुदगिल का मानना है कि एथलीट फिर से अभ्यास पर लौटने से नहीं डरेंगे. कोरोनावायरस महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) ने अपने सभी टूर्नामेंट को स्थगित कर दिया है. भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है लेकिन इसके चौथे चरण में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, स्टेडियम को सिर्फ खिलाड़ियों के लिए खोलने का फैसला लिया गया है.
मुदगिल ने बुधवार को आईएएनएस से कहा, " मैं खुश हूं कि स्टेडियम फिर से खुले हैं और एथलीटों को इस साल की किसी प्रतियोगिता या टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों के लिए अभ्यास करने को मिलेगा." भारतीय राष्ट्रीय राइफल महासंघ (एनआरएआई) ने अंजुम मुदगिल का नाम देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड के लिए भेजने का फैसला किया है. अंजुम ने 2018 विश्व चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर राइफल में रजत पदक जीतने के साथ ही टोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल कर लिया था.
अंजुम का मानना है कि सभी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स और स्टेडियम को फिर से खोलने के फैसले से एथलीट को अपने लय में लौटने में मदद मिलेगी. 26 वर्षीय महिला निशानेबाज ने कहा, " घरेलू या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई भी टूर्नामेंट में खेलने से पहले सभी एथलीट अब अच्छी लय में होंगे." यह पूछे जाने पर कि महामारी के दौरान फिर से एथलीटों के बीच ट्रेनिंग पर लौटने में क्या उन्हें डर लगेगा, अंजुम ने कहा, " नहीं. मुझे लगता है कि अगर सभी एथलीट मास्क पहनने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के उचित प्रोटोकॉल का पालन करेंगे, तो ट्रेनिंग के लिए स्टेडियम लौटने में कोई डर नहीं होगा."
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