भोपाल : मध्यप्रदेश के कई शहरों में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में इस महामारी से बचने के लिए जहां हर राज्य का स्वास्थ्य विभाग जुटा हुआ है वहीं हैरत की बात तो ये है कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री का पद खाली है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए राज्य में एक एडवाइजरी कमिटी का गठन किया है. इस कमिटी में नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी समेत 12 लोगों को शामिल किया गया है.
आपको बता दें की कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने एडवाइजरी कमिटी का गठन किया जिसमें कैलाश सत्यार्थी के अलावा 8 डॉक्टर, एक रिटायर आइएएस और रिटायर आइपीएस ऑफिसर को शामिल किया गया है. इस बात की जानकारी प्रशासनिक विभाग के अधिकारी ने दी है. इसमें पूर्व चीफ सेक्रेटरी निर्मला बुच, रिटायर आइपीएस ऑफिसर सरबजीत सिंह, राज्य के नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र जामदार व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मुकुल तिवारी भी पैनल के सदस्य हैं. मौजूदा महामारी के संकट के अलावा यह कमिटी सरकार को जनता के वेलफेयर व पॉलिसी मामलों के बारे में भी समय-समय पर सलाह देगी.
वहीं, प्रदेश में 23 मार्च को भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में मुख्यमंत्री का पद संभाला और तब से राज्य में मंत्रीपरिषद भी नहीं है. कोरोना वायरस की महामारी के वजह से देशभर में लॉकडाउन के कारण इस प्रक्रिया में देर हो रही है. शनिवार को मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के मामलों का आंकड़ा 1,360 है और मरने वालों की संख्या 69 है. COVID-19 के लिए इंदौर में 892 लोगों की जांच की गई वहीं भोपाल में यह आंकड़ा 197 है. रिपोर्टों के मुताबिक, इस घातक वायरस ने राज्य के 25 जिलों में हमला बोला है. मामले में स्वस्थ मरीजों की संख्या 68 है. इस रिपोर्ट में राज्य में प्रभावित इलाकों की संख्या 408 बताई गई है.
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