मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने के चलते अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) या किसी अन्य समुदाय के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा. विधानसभा के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस एवं अजीत पवार के साथ यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शिंदे ने कहा कि सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा-राकांपा गठबंधन लोगों को आश्वासन नहीं देगा, किन्तु विधानसभा सत्र के चलते पेश होने वाले बजट का लाभ किसानों, युवाओं एवं महिलाओं को होगा.
उन्होंने कहा, "मराठा समुदाय को आरक्षण देते वक़्त OBC या किसी अन्य समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा." उन्होंने कहा कि महायुति सरकार ने इस वर्ष के आरम्भ में मराठों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विशेष सत्र बुलाया था. मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा OBC श्रेणी में आरक्षण की मांग कर रहे हैं, जबकि वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल समेत OBC नेता मराठों के साथ आरक्षण साझा करने का विरोध कर रहे हैं. इस बीच, शिंदे ने यह भी कहा कि सरकार किसानों की अनदेखी नहीं करेगी. सीएम ने कहा कि विपक्ष उनकी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को देख नहीं पा रहा है. उन्होंने विपक्ष के उन इल्जामों को खारिज किया जिसमें कहा जा रहा है कि बड़ी परियोजनाएं गुजरात जा रही हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र एक इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बन गया है.
वही इससे पहले दिन में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) ने सत्र के आरम्भ से पहले सीएम द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया. MVA नेताओं ने इल्जाम लगाया कि सरकार किसानों समेत आम जनता के मुद्दों को हल करने में नाकाम रही है. विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि सरकार मानसून सत्र में "झूठे नैरेटिव की फैक्ट्री" का पर्दाफाश करेगी. फडणवीस ने कहा कि विपक्ष को स्वयं से पूछना चाहिए कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार ने विदर्भ क्षेत्र में एक भी सिंचाई परियोजना को अनुमति क्यों नहीं दी.
मुख्यमंत्री शिंदे ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसने लोकसभा चुनावों में सिर्फ 99 सीटें जीतीं, जो बीते 3 लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा है तथा 240 के आंकड़े तक पहुंचने में उसे 25 वर्ष लगेंगे. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी जीते और आप हार गए." वहीं फडणवीस ने आरोप लगाया कि MVA शासन के चलते प्रदेश में सबसे ज्यादा पेपर लीक हुए. उन्होंने MVA सरकार पर मराठवाड़ा के लिए जल ग्रिड कार्यक्रम बंद करने का भी इल्जाम लगाया. उन्होंने कहा, "सरकार सत्र के चलते चर्चा के लिए और सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है. सरकार पूरी तरह तैयार है." वहीं वह मसौदा पाठ्यक्रम में प्राचीन ग्रंथ के कथित उल्लेख को लेकर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे प्रदेश में मनुस्मृति के लिए कोई जगह नहीं है.
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