गुंटूर: आंध्र प्रदेश के कडपा में आयोजित भारतीय संविधान संरक्षण एवं राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने अयोध्या विवाद, केंद्र सरकार और वक्फ संशोधन बिल जैसे विषयों पर अपनी बात रखते हुए सरकार पर निशाना साधा। मौलाना मदनी ने अपने संबोधन में अयोध्या को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, "कुछ लोग चाहते थे कि अयोध्या धर्म की राजधानी बने, लेकिन आज वहां कोई आता-जाता नहीं है।"
मदनी ने विवादित दावा करते हुए कहा कि अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की जीत हुई है। मदनी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने भी माना था कि मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई। लेकिन आस्था के आधार पर फैसला मंदिर के पक्ष में चला गया। हालांकि, कानूनी तौर पर हमने जीत दर्ज की।" मदनी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए उसे "दो बैसाखियों" पर खड़ा बताया। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के सहारे खड़ी है।" उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश के मुसलमान चंद्रबाबू नायडू को यह बताने के लिए यहां बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए हैं कि राज्य के मुस्लिम समुदाय की क्या उम्मीदें हैं।
मौलाना मदनी ने वक्फ संशोधन बिल का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह बिल मुसलमानों की मस्जिदों और कब्रिस्तानों पर सरकार के कब्जे का रास्ता साफ करेगा। उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से अपील की कि इस बिल का विरोध किया जाए। उन्होंने कहा, "यह बिल मुसलमानों की संपत्तियों को खत्म कर देगा और इसे पास होने से रोकना जरूरी है। सरकार मस्जिदों और कब्रिस्तानों पर कब्जा करना चाहती है।"
इसके अलावा अरशद मदनी ने मुसलमानों के घरों पर बुलडोजर चलाने और असम में मुसलमानों की नागरिकता छीनने जैसे विवादित मुद्दों पर जमीयत का स्टैंड स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि जमीयत हमेशा से इन नीतियों के खिलाफ मुखर रही है और आगे भी मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ी रहेगी। अपने भाषण के अंत में मौलाना मदनी ने देशभर के मुसलमानों से एकजुट रहने की अपील करते हुए कहा कि संविधान और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सभी को साथ आना होगा।