मॉस्को: रूस ने दावा किया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), भारत के संसदीय चुनावों में हस्तक्षेप करने और देश में आंतरिक राजनीतिक स्थिति को "असंतुलित" करने की कोशिश कर रहा है। एक मीडिया ब्रीफिंग में, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि अमेरिका को खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ नाकाम हत्या की साजिश में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का "विश्वसनीय सबूत" देना बाकी है।
भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिका की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए जखारोवा ने कहा कि अमेरिका में भारत की राष्ट्रीय मानसिकता और इतिहास की समझ की कमी है। ज़खारोवा ने कहा कि, "अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में 'निराधार आरोप' लगाना जारी रखता है।" ज़खारोवा ने इसे भारत के लिए "अपमानजनक" बताया। उन्होंने आगे कहा, "अमेरिकी आरोपों के पीछे कारण भारत में आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करना और आम चुनावों को जटिल बनाना है।"
दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन और कई अन्य मुद्दों पर भारत की आलोचना की है। इसने भारत और 16 अन्य देशों को "धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार के विशेष रूप से गंभीर उल्लंघन में शामिल होने या सहन करने" के लिए "विशेष चिंता वाले देशों" के रूप में नामित करने का आह्वान किया। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कड़ी प्रतिक्रिया में रिपोर्ट को "पक्षपातपूर्ण" बताया और कहा कि USCIRF ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट के हिस्से के रूप में "भारत विरोधी प्रचार प्रकाशित करना" जारी रखा है।
रूसी अधिकारी ने अमेरिका के इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि एक भारतीय खुफिया अधिकारी ने कथित तौर पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की योजना बनाई थी। ज़खारोवा ने कहा, "हमारे पास मौजूद जानकारी के अनुसार, वाशिंगटन ने अभी तक किसी पन्नु की हत्या की तैयारी में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है। सबूत के अभाव में इस विषय पर अटकलें अस्वीकार्य हैं।"
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