भोपाल: हम सभी हर महीने रसोई गैस का सिलेंडर लेते हैं, लेकिन आपको शायद ही याद होगा कि तेल और गैस का विपणन करने वाली तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) का सब्सिडी बैंक खाते में डाले जाने का मैसेज काफी समय से नहीं आया है। करीब अप्रैल-20 के बाद 8 महीने से यह सब्सिडी किसी को नहीं मिली। मई से नवंबर तक 14.2 किग्रा के सब्सिडी सिलेंडर के दाम बिल्कुल नहीं बढ़े। वैसे आपको यह तो पता ही नहीं होगा कि तेल कंपनियों ने आपकी सारी सब्सिडी खत्म कर दी है।
जी दरसल तेल कंपनियों ने डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटीएल) में मप्र के 1.49 कराेड़ समेत पूरे देश के 27.59 करोड़ एलपीजी कनेक्शनधारकों को दी जाने वाली 20 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी खत्म करने के लिए बेहतरीन काम किया। ऐसा करने के लिए पहले चरण यानी जून-2019 से अप्रैल-20 20 तक हर माह सिलेंडर 8.60 रुपए महंगा किया।
जून 2019- रसोई गैस के दाम 737.50 रु। थे, उस दौरान सब्सिडी 243.50 रुपए थी जो आपको पड़ रही थी 494 रुपए में।
दिसंबर 2020- 14.2 किग्रा का सिलेंडर 650 रु। का आ रहा था लेकिन सब्सिडी नहीं मिल रही थी। उस दौरान आपको पूरे दाम देने पड़ रहे थे ऐसे 22 हजार करोड़ बचे।
जी दरअसल केंद्र सरकार ने रसोई गैस में 2019-20 में 22,635 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी थी, लेकिन इस साल उसे शायद कोई सब्सिडी नहीं देनी पड़ेगी। हाल ही में गैस एजेंसी के संचालकों ने साफ कहा है कि 'सरकार ने दिसंबर के माह में रसोई गैस का सिलेंडर 7 महीने बाद 50 रुपए महंगा कर दिया, लेकिन ग्राहकों के खातों में कोई सब्सिडी नहीं डाली गई।' ऐसा होने से बैंक खातों में सब्सिडी आने के बाद जो सिलेंडर 494 रुपए का आ रहा था, वह 580 रुपए का आने लगा। वहीं रसोई गैस सिलेंडर के दाम 86 रुपए बढ़ाए गए, जबकि मई से नवंबर तक दाम केवल 12 रुपए ही बढ़ाए गए।
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