नई दिल्ली: लोकसभा में आज केंद्रीय बजट 2024 पर बहस के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के बीच अग्निपथ योजना को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि यह "निराशा का बजट" है, लेकिन सरकार में बैठे लोग इसकी प्रशंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट में बेरोजगारों, युवाओं और गांवों के लिए कुछ भी नहीं है। सपा प्रमुख ने कहा कि, "जिनके पास परिवार है, वे जानते हैं कि घर चलाना, बच्चों को शिक्षा देना और बुजुर्गों के इलाज का खर्च उठाना कितना मुश्किल है।"
अखिलेश यादव ने कहा कि, "आपने मेक इन इंडिया का सपना दिखाया, मगर उत्तर प्रदेश को कोई बड़ी परियोजना नहीं मिली, जबकि हमें प्रधानमंत्री मिले। क्या हमें IIM या IIT मिला? कौन सा केंद्रीय संस्थान स्थापित किया गया? समाजवादी पार्टी की सरकार ने रायबरेली और गोरखपुर में दो AIIMS के लिए जमीन दी, लेकिन क्या लोगों को वहां पर्याप्त इलाज मिल रहा है?" इस लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा के फीके प्रदर्शन पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि, "यूपी के नतीजों से पता चलता है कि आपने कितना काम किया है, अगर आपने सब कुछ सही किया होता तो क्या नतीजे ऐसे होते?"
सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, "सेना में शामिल होने की तैयारी कर रहा कोई भी युवा इसे स्वीकार नहीं कर सकता। जब यह योजना आई, तो प्रमुख उद्योगपतियों से ट्वीट करने के लिए कहा गया कि इससे बेहतर कोई नौकरी नहीं है और वे अग्निवीरों को उनकी चार साल की सेवा अवधि समाप्त होने के बाद फिर से नौकरी पर रखेंगे।" उन्होंने कहा, "लेकिन सरकार जानती है कि यह अच्छी योजना नहीं है, इसीलिए वह भाजपा नीत राज्य सरकारों से अग्निवीरों को नौकरी में कोटा देने के लिए कह रही है।" जब भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने उनकी टिप्पणी का विरोध किया तो यादव ने उन्हें चुनौती दी कि वे कहें कि अग्निपथ एक अच्छी योजना है और बैठ गए। अनुराग ठाकुर ने जवाब दिया कि, "मैं हिमाचल प्रदेश से आता हूं, जिसने देश को पहला परमवीर चक्र विजेता, स्वर्गीय मेजर सोमनाथ शर्मा दिया। कारगिल में सबसे अधिक शहीद हिमाचल प्रदेश से थे। यह नरेंद्र मोदी सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा किया। मैं यह कह रहा हूं, अग्निवीर में 100 प्रतिशत रोजगार की गारंटी है।"
इस पर अखिलेश यादव ने पूछा, "तो फिर राज्य सरकारों को अग्निवीरों के लिए कोटा देने की क्या जरूरत है? मैं एक सैन्य स्कूल में गया हूं, हम परमवीर चक्रों को भी गिन सकते हैं।" पूर्व केंद्रीय मंत्री फिर खड़े हुए और कहा, "वह अभी सैनिक स्कूल गए हैं, मैं प्रादेशिक सेना में कैप्टन के पद पर कार्यरत हूं। अखिलेश जी, ज्ञान मत दीजिए।" इस पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने अनुराग ठाकुर को इस बार मंत्री पद न मिलने पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि, "हो सकता है कि वे इसलिए नाराज हों क्योंकि अब वे मंत्री नहीं हैं। मैं आपके चेहरे पर दर्द देख सकता हूँ।" इससे पहले अपना संबोधन समाप्त करने से पहले यादव ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, "यह सरकार चलने वाली नहीं, बल्कि गिरने वाली सरकार है।''
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