चीन। चीन में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता लियू शियाओबो का 61 वर्ष की आयु में निधन हो गया। दरअसल उन्हें लीवर कैंसर हो गया और वह अंतिम चरण में पहुंच गया था। लियू शियाओबो का लंबी बीमारी के बाद चीन के शेनयांग में निधन हो गया। लियू और उसकी पत्नी उपचार हेतु देश से बाहर जाना चाहते थे। दरअसल वे जेल में बंद थे मगर बीमारी के बाद भी उन्हें जेल में ही रखा गया। जब उनकी हालत गंभीर हो गई तो उन्हें चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया।
नार्वे की नोबेल कमेटी ने कहा कि लियू की मौत हेतु चीन जवाबदार है। मिली जानकारी के अनुसार पश्चिमी देशों की सरकार ने उन्हें विदेश भेजने की मांग की थी। चीन की सरकार द्वारा हस्तक्षेप पर चेतावनी दी गई। चीन के कैंसर विशेषज्ञ उनका इलाज कर रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार चीन में मौलिक मानवाधिकार की रक्षा करने के ही साथ उक्त व्यवस्था में सुधार की अपील की गई थी।
वर्ष 2010 में उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। मगर वे बीमार होने के कारण नोबेल पुरस्कार ग्रहण करने नहीं पहुंचे थे ऐसे में उनकी कुर्सी को खाली छोड़ दिया गया था। अमेरिका के अतिरिक्त ब्रिटेन,जर्मनी व फ्रांस द्वारा लियू शियाओबो के निधन को लेकर चीन पर टिप्पणियां की जा रही हैं चीन द्वारा उन्हें चिकित्सालय में भर्ती न करने को लेकर चीन की आलोचना की जा रही है।
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