नई दिल्ली: आखिर वही हुआ, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। कल जब कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा, फिलिस्तीन लिखा हुआ बैग लेकर संसद पहुंचीं थीं, तो कई सियासी जानकारों का ये मानना था कि उनका ये कदम मुस्लिम वोटों को कांग्रेस के पक्ष में एकजुट करने के लिए है, वरना अत्याचार तो बांग्लादेशी हिन्दुओं पर भी हो रहा है, उन पर तो कांग्रेस का कोई नेता नहीं बोल रहा। जबकि फिलिस्तीन के लिए राहुल-प्रियंका कई बार ट्वीट कर चुके हैं और कांग्रेस अपनी कार्यसमिति (CWC) की बैठक में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रस्ताव भी पारित कर चुकी है, वो भी हमास के आतंकी हमले का कोई जिक्र किए बगैर।
दरअसल, फिलिस्तीन वो मुल्क है, जो हमेशा पाकिस्तान के साथ खड़ा रहता है, कश्मीर मुद्दे पर फिलिस्तीन ने शुरू से पाकिस्तान की हाँ में हाँ मिलाई है और भारत पर कश्मीर पर अवैध कब्ज़ा करने का आरोप लगाया है। एक मजेदार बात और ये भी है कि, कश्मीर में निर्दोषों की जान लेने वाले आतंकियों को फिलिस्तीन-पाकिस्तान के लोग आतंकी नहीं मानते, वहीं, भारत के लोग, हमास को आतंकी नहीं मानते। उनके लिए ये आतंकी, अपनी जमीन पाने के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानी हैं। भारत में तो कुछ नेता, इन आतंकियों की तुलना चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह जैसे अमर शहीदों से कर देते हैं, लेकिन ये नहीं बता पाते की आज़ाद और भगत ने किसका बलात्कार किया था, जबकि हमास के आतंकियों की दरिंदगी के कई वीडियो मिल जाएंगे।
What else could we expect from a granddaughter of a towering freedom fighter like Jawaharlal Nehru? Priyanka Gandhi has stood tall amidst pigmies, such shame that to date, no Pakistani member of Parliament has demonstrated such courage.#ThankYou pic.twitter.com/vV3jfOXLQq
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) December 16, 2024
बहरहाल, प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन के प्रति जो समर्थन दिखाया है, उससे मुस्लिम समुदाय तो खुश हुआ ही है, 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी राष्ट्र बने पाकिस्तान ने भी प्रियंका की पीठ थपथपाई है। भारत के परम शत्रु पाकिस्तान ने तो यहाँ तक कह दिया है कि जितनी हिम्मत श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिखाई है, फिलिस्तीन का बैग उठाकर, उतनी तो कोई पाकिस्तानी नेता भी नहीं दिखा सकता, जबकि वो इस्लामी मुल्क का नेता है। 2024 लोकसभा चुनाव में खुलकर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने का समर्थन करने वाले पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने एक्स पर लिखा है कि, 'जवाहरलाल नेहरू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी की पोती से हम और क्या उम्मीद कर सकते हैं? बौनों के बीच प्रियंका गांधी तनकर खड़ी हैं, यह शर्म की बात है कि आज तक किसी पाकिस्तानी संसद सदस्य ने ऐसा साहस नहीं दिखाया है।'
बांग्लादेशी हिंदुओं को सिरे से नज़रअंदाज़ करके प्रियंका गांधी फ़िलिस्तीन लिखा बैग लेकर संसद पहुँचीं
— ANUPAM MISHRA (@scribe9104) December 16, 2024
किस क़दर हीन भावना से ग्रस्त होंगे वो हिंदू जो इनमें भी अपना नेतृत्व ढूँढ लेते हैं #लानत_है pic.twitter.com/lpB11nIDbP
यानी फवाद चौधरी के अनुसार, फिलिस्तीन का समर्थन करने वाली प्रियंका के अलावा संसद के बाकी सदस्य बौने है..! हालाँकि, ये पहली बार नहीं है, जब पाकिस्तान की तरफ से कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं की तारीफ की गई हो। कुख्यात आतंकी हफ़ीज़ सईद भी कांग्रेस को अपनी पसंदीदा पार्टी बताता है। कुछ समय पहले पाकिस्तान से राहुल गांधी, शशि थरूर जैसे कांग्रेस सांसदों को आम भी भेजे गए थे। वहीं, इस लोकसभा चुनाव में तो फवाद चौधरी जैसे राहुल का प्रचार करते नज़र आ रहे थे। उन्होंने राहुल के समर्थन में कई ट्वीट किए और भारतीय मुस्लिमों से INDIA गठबंधन के पक्ष में वोट करके फांसीवादी मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की भी अपील की थी। हालाँकि, कांग्रेस और INDIA गठबंधन को एकतरफा समुदाय विशेष के वोट मिले भी, लेकिन सत्ता प्राप्त के लिए कुछ कम पड़ गए, क्योंकि बहुसंख्यकों के वोटों में बड़ा बिखराव रहा, जो लगभग 60 से 70% भाजपा के पक्ष में गए। वहीं, कर्नाटक कांग्रेस के एक नेता बीके हरिप्रसाद तो कह भी चुके हैं कि 'पाकिस्तान, भाजपा का दुश्मन है, हमारा नहीं।' ऐसे में सवाल उठता है कि, हमेशा भारत के खिलाफ साजिशें रचने वाला पाकिस्तान, राष्ट्र का दुश्मन कैसे नहीं ? या फिर कांग्रेस वोट बैंक की लालच में इतने बड़े खतरे को भी नज़रअंदाज़ कर रही है ?
कब और क्यों शुरू हुआ इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध:-
वैसे तो इजराइल-फिलिस्तीन का विवाद बहुत पुराना है, कुछ-कुछ भारत-पाकिस्तान जैसा ही। भारत का बंटवारा 1947 में हुआ और पाकिस्तान का जन्म हुआ, उसी तरह 1948 में ब्रिटेन ने फिलिस्तीन को बाँट दिया और इजराइल अस्तित्व में आया। इसके बाद से ही तमाम मुस्लिम देश ये आरोप लगाते रहते हैं कि, इजराइल ने फिलिस्तीन की जमीन पर कब्जा कर रखा है। कई बार अरब देशों ने एकसाथ मिलकर इजराइल पर हमला भी किया है, मगर उन्हें मुंह की खानी पड़ी है।
इसलिए अब अरब देश, इजराइल से सीधा युद्ध ना लड़के आतंकियों को आगे करते हैं, हमास, हिजबुल्लाह, फिलिस्तीन इस्लामी जिहाद, हूथी विद्रोही, ये सब उन्ही संगठनों के नाम हैं, जो फिलिस्तीन की आज़ादी का नाम लेकर इजराइल से लड़ रहे हैं। जैसे जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तोइबा, अल कायदा आदि संगठनों के आतंकी कश्मीर की आज़ादी के नाम पर भारत में कत्लो-गारत करते रहते हैं। मौजूदा लड़ाई तब शुरू हुई, जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकियों ने इजराइल पर सबसे बड़ा हमला कर दिया, करीब 1400 लोगों को मार डाला और 250 से अधिक को किडनैप कर लिया। इनमे महिलाएं भी थी, हमास ने महिलाओं के साथ बर्बर सामूहिक बलात्कार किए और अल्लाहु अकबर चिल्लाते हुए उन महिलाओं की नग्न लाशें सड़कों पर घुमाई। ये सब देखकर किस देश का खून नहीं खौलेगा ? इजराइल ने इसके बाद से ही पलटवार शुरू किया, तो दुनियाभर के बुद्धिजीवी उसे युद्ध रोकने के लिए कहने लगे, कांग्रेस भी फिलिस्तीन के समर्थन में उतर आई।
लेकिन, किसी भी एक ट्वीट में प्रियंका या राहुल ने हमास से यहूदी बंधकों को रिहा करने की अपील नहीं की है, अब कोई देश अपने नागरिकों को आतंकियों के चंगुल में छोड़कर चुप तो नहीं बैठ सकता। लेकिन, पाकिस्तान को प्रियंका का ये अंदाज़ पसंद आया है कि वो आतंकवाद और आतंकी हमलों में मारे गए लोगों का जरा भी जिक्र किए बगैर फिलिस्तीन का समर्थन कर रही हैं। पाकिस्तान, इससे भी खुश होगा कि भारत के पड़ोसी बांग्लादेश में हिन्दुओं पर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा किए जा रहे अत्यचारों को नज़रअंदाज़ करते हुए प्रियंका को हज़ार किलोमीटर दूर की चिंता हुई, इतनी चिंता तो किसी पाकिस्तानी सांसद को भी ना हुई होगी। पाकिस्तान खुश है, आखिर महान स्वतंत्रता सेनानी जवाहरलाल नेहरू की पोती से और क्या उम्मीद की जा सकती है।