मुंबई: बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने लोगों से जल संरक्षण का आग्रह करते हुए कहा कि बूचड़खानों एवं इससे जुड़े उद्योगों की वजह से पानी की खपत और प्रदूषण बढ़ता है। वह दीनदयाल शोध संस्थान एवं मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा आयोजित जल संरक्षण पर आयोजित सम्मेलन 'सुजलम' में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, 'बड़े स्तर पर जानवरों की हत्या से पानी की खपत बढ़ती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि शाकाहार अच्छा है।' मगर उन्होंने यह भी कहा कि आदतों को बदलने में वक़्त लगता है। भागवत ने कहा, 'खाने की आदतें किसी पर थोपी नहीं जा सकतीं। लोगों का दिमाग आहिस्ता-आहिस्ता बदलता है तथा वे बदलते हैं।'
साथ ही RSS प्रमुख ने यह भी कहा कि जो लोग भारत में मांसाहारी भोजन खाते हैं, वे नियमों का पालन करते हैं तथा श्रावण के हिंदू महीने और बृहस्पतिवार को इसे खाने से परहेज करते हैं। मोहन भागवत ने कहा, बूचड़खानों और इससे जुड़े उद्योगों में बहुत पानी का उपयोग होता है एवं इससे प्रदूषण भी बढ़ता है। उन्होंने कहा, 'यहां किसी व्यक्ति की गलती नहीं है। उद्योग चलाने वाले इसे आखिर में तब स्वीकार करेंगे जब मांस (वे पैदा करते हैं) का सेवन कोई नहीं करेगा।' मोहन भागवत के अनुसार, हर शख्स को परिवार के स्तर पर पानी की खपत कम करनी चाहिए। जल संरक्षण की पुरानी परंपराओं को संरक्षित किया जाना चाहिए, मोहन भागवत ने कहा, पानी पृथ्वी की एक संचित संपत्ति है, जो सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि उर्वरकों के इस्तेमाल से पानी की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है तथा किसानों को उर्वरकों के आयात से बचने के लिए जैविक खाद का सहारा लेना चाहिए।
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