सोचिये अगर आपको होटल में खाना खाने को मिले और बिल भी ना देना पड़े तो ? आप तो ख़ुशी से खिल उठेंगे ,भला ऐसी सुविधा कौन देता है। लेकिन आपको बात दे कि एक जगह है ऐसी जहाँ आप जी भर के खा सकते हैं और बिल के बदले आपको देना होगा आशीर्वाद। जी हाँ ,ये सच है तो चलिए आपको भी बता दे ये कहाँ है।
दरअसल, उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी मंदिर से करीब छह किलोमीटर दूर अलोह में एक मोहित पंजाबी ढाबा खुला है। इस ढाबे की खासियत यह है कि यहां आप जो मर्जी और जितना मर्जी खाएं, आपसे उसका बिल नहीं बल्कि आशीर्वाद मांगा जाएगा। यहाँ मेले के दौरान कई लंगर लगते हैं और साथ ही यदि आपको बाल कटवाने हैं, शेव करवानी है, गाड़ी ठीक करवानी है, चाय पीनी है, पकौड़े खाने है, दवाई लेनी है तो ये सब कुछ मुफ्त में हो जाएगा। इस ढाबे की खासियत यह है कि वहां जाएं तो आपको मेन्यू कार्ड मिलेगा। मेन्यू कार्ड में लिखे किसी भी खाद्य पदार्थ जैसे चीज चिली, मंचूरियन, मशरूम मटर, पनीर पकौड़ा या किसी शीतल पेय का आप ऑर्डर दे सकते हैं।
खाने-पीने के बाद बिल देने के लिए पर्स निकालने की जरूरत नहीं है। आप बस इतना करें कि ढाबे से जाते समय लंगर लगाने वालों को आशीर्वाद देते जाएं। मेलों के दौरान मोहित ढाबा दिन-रात खुला रहता है। होशियारपुर से चिंतपूर्णी के शीतला मंदिर तक के 60 किलोमीटर सफर में लगभग हर तीसरे मोड़ पर मां के भक्तों की आवभगत के लिए किसी न किसी धार्मिक संस्था के प्रतिनिधि तत्पर दिख रहे हैं।
भरवाई से चिंतपूर्णी के मुख्य मार्ग पर कई धार्मिक संस्थाओं की ओर से शीतल पेय व मिनरल वाटर मुफ्त बांटा जा रहा है। पंजाब के विभिन्न शहरों से चिंतपूर्णी तक श्रद्धालुओं को पहुंचाने के लिए मुफ्त बस सेवा का भी प्रावधान है मगर श्रद्धाभाव का जैसा नजारा मोहित ढाबे पर है, वैसा कहीं नहीं दिखा।