यहां मरना गैरकानूनी है. जी हां दोस्तों आपने सही सुना दुनिया में एक ऐसी भी जगह है, जहां मरना गैरकानूनी है. ये वाकई हैरानी वाली बात है, और वो जगह है...नॉर्वे. नॉर्वे के छोटे से टाउन लॉन्ग एयरबेन में कोई मर नहीं सकता है.
इसके पीछे की वजह भी बड़ी दिलचस्प है. पोलर देश होने की वजह से नॉर्वे में तापमान काफी कम रहता है। ऐसे में मौत के बाद जब लाशों को दफ्नाया जाता है तो वो सालों तक नहीं सड़ती हैं। इसलिए यहां किसी को मरने नहीं दिया जाता है। लॉन्ग एअरबेन दुनिया के नॉर्थेर्न हिस्से में आता है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस टाउन में ये कानून 1950 में लागू किया गया था, वो भी तब जब ये जानकारी सामने कि जिन लोगों को मरने के बाद दफ्न किया गया था, उनकी लाशें सालों तक वैसी ही रहती है. इस टाउन में केवल दो हजार लोग ही रहते हैं, जो महीनों तक सूरज की रोशनी तक देख नहीं पाते हैं। नॉर्वे के इस टाउन में टेम्परेचर माइनस 46.3 डिग्री तक गिर जाता है। वहीं साल भर एवरेज टेम्परेचर माइनस 17 डिग्री रहता है। लाश सालों-साल सड़ती नहीं है। ऐसे में अगर शख्स की मौत बीमारी से हो जाती है, तो लाश नहीं सड़ने की वजह से उस बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
यहां 1918 में स्पेनिश फ़्लू की वजह से मरे लोगों की ग्रेव्स बनी हुई हैं। उस वक्त इस फ्लू से पूरी दुनिया में लाखों लोग मरे थे।इस टाउन में रहने वाले लोगों को मौत के बाद भी यहां की मिट्टी नसीब नहीं होती है। जैसे ही यहां रहने वाला कोई शख्स मौत के करीब नजर आता है। उसे मरने के लिए दूसरी जगह भेज दिया जाता है। यहां केवल मौत ही नहीं जिसे लेकर लोग परेशानी झेलते हैं। बल्कि कोई हॉस्पिटल नहीं होने की वजह से प्रेग्नेंट वीमेन को कई महीने पहले ही शहर भेज दिए जाता है। ताकि वो आराम से बच्चे को जन्म दे सके।
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