बैंगलोर: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर भाजपा ने जमीन सौदों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भूमि सौदों से जुड़े भ्रष्टाचार में शामिल है और उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा की यह टिप्पणी तब आई है जब कर्नाटक में सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के अध्यक्ष राहुल एम. खरगे ने बेंगलुरु में पांच एकड़ जमीन के आवंटन के अपने अनुरोध को वापस ले लिया। यह कदम सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती द्वारा मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से 14 भूखंड वापस करने के बाद उठाया गया। लोकायुक्त पुलिस ने सिद्धरमैया, उनकी पत्नी और एक रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेताओं ने CAG की नेगेटिव रिपोर्ट और कानूनी कार्यवाही के बाद भूमि लौटाने का निर्णय लिया, जो एक तरह से उनकी गलती की स्वीकारोक्ति है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए ऐसा कर रहे हैं। त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए पूछा कि उनकी "मोहब्बत की दुकान" कैसे "अवैध प्रॉपर्टी डीलर की दुकान" में बदल गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सिर्फ जमीन लौटाने से काम नहीं चलेगा और जिन लोगों ने यह कदम उठाया है, उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
भूखंड आवंटन घोटाले के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती, उनके करीबी रिश्तेदार और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 30 सितंबर को मुख्यमंत्री के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। ईडी का आरोप है कि एमयूडीए द्वारा पार्वती बी एम को भूखंड आवंटित करने में अनियमितताएं की गई थीं। इसके बाद, एमयूडीए ने 14 भूखंडों को वापस लेने का फैसला किया।
भाजपा का कहना है कि इन नेताओं का पर्दाफाश हो गया है और उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अब गांधी परिवार के प्रभाव में "भू हड़प आंदोलन" चला रही है। त्रिवेदी ने यह भी उल्लेख किया कि सोनिया और राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी हैं, जहां उन पर कांग्रेस के धन का इस्तेमाल कर संपत्ति हासिल करने का प्रयास करने का आरोप है।
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