रांची: 9 वर्ष भारतीय जनता पार्टी में रहने के पश्चात् पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू ने झामुमो में वापसी की। झामुमो का दामन थामने के पश्चात् पहली बार हेमलाल मुर्मू, पार्टी दफ्तर पहुंचे जहां उनका ढोल-नगाड़े के साथ स्वागत किया गया। हेमलाल मुर्मू ने कहा कि मैं वापस आया हूं। अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व एवं कार्यकर्ताओं के साथ मिल-बैठकर संवाद होगा तथा इसके बाद भविष्य की रणनीति तय होगी।
भारतीय जनता पार्टी से मोहभंग के सवाल पर हेमलाल मुर्मू ने कहा कि सवाल मोहभंग का नहीं है। बात दरअसल, विचारधारा की है। मैं वहां फिट नहीं बैठ रहा था। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए हेमलाल मुर्मू ने कहा कि घर वापसी करके अच्छा लग रहा है। मैं भारतीय जनता पार्टी ज्वॉइन करने के 9वें वर्ष में घर वापस आया हूं। 9 वर्ष भाजपा में रहने और 2 लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद मोहभंग के सवाल पर हेमलाल मुर्मू ने कहा कि बात मोहभंग का नहीं है। हमारे यहां संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था है तथा यहां आना-जाना लगा रहता है। यह कोई बड़ी बात नहीं है। किसी भी पार्टी में रहने के चलते राय-मशवरा तथा मंथन चलता रहता है। विचारधारा के स्तर पर उतार-चढ़ाव और मंथन का दौर चलता रहता है। देखना होता है कि हम फलां विचारधारा में कितना फिट बैठते हैं। हेमलाल मुर्मू ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी में भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा से काम किया है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि 9 वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी की राजनीति करने के चलते मैंने पाया कि इस क्षेत्र (संताल परगना) में लोगों की भावनाओं को समझने और उनकी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने का जरिया बीजेपी नहीं बल्कि झारखंड मुक्ति मोर्चा है। मुझे लगने लगा था कि भाजपा में मेरे उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो रही है। यहां उद्देश्य का मतलब चुनावी राजनीति से नहीं है बल्कि आमजन की भावनाओं तक पहुंचने से है। इससे पहले भी हेमलाल मुर्मू ने कहा था कि भाजपा की रणनीति क्षेत्रवार आवश्यकताओं के हिसाब से नहीं बनती बल्कि दिल्ली में साझा कार्यक्रम बनता है।
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