रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीतकर कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है, लेकिन सीएम के चेहरे को लेकर पिछले चार दिनों से लगातार पेंच फंसा हुआ है। जानकारी के अनुसार बता दें कि यहां राज्य का मुखिया बनने के लिए चार दावेदार नेता हैं। सब का अपना-अपना व्यक्तित्व और प्रभाव है। वहीं बता दें कि चारों नेताओं की अलग-अलग क्षेत्रों में मजबूत पकड़ है और इसी वजह से एक चेहरा तय कर पाना मुश्किल हो रहा है।
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इसके साथ ही बता दें कि आम तौर पर लोकतंत्र में यह देखा जाता है कि किसी एक पार्टी को बहुमत मिलने पर उस पार्टी के विधायक अपने दल का नेता चुन लेते हैं और उसी की ताजपोशी मुख्यमंत्री के तौर पर की जाती है, लेकिन जहां दावेदार अधिक हों तो फैसला हाइकमान के हाथों होता है। इसके अलावा बता दें कि छत्तीसगढ़ में दूसरे तरह की स्थिति निर्मित हुई है। ऐसे में सिर्फ हाइकमान का निर्णय महत्वपूर्ण हो गया है। अभी कांग्रेस की सेंट्रल कमेटी ने राज्यों में मुख्मंत्रियों के चयन के लिए कुछ नए मापदंड तय किए हैं। इसी मापदंड के आधार पर ही छत्तीसगढ़ में सीएम का चयन होना है।
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गौरतलब है कि कांग्रेस ने राज्य में मुख्यमंत्री के लिए योग्य नेता का चयन करने के लिए विधायकों का मत, जनता का मत, कार्यकर्ताओं का मत इन तीनों को मुख्य आधार माना गया है। इसके लिए कांग्रेस ने चुनाव पूर्व सोशल मीडिया और अपने एप के माध्यम से सर्वे भी कराया है। वहीं बता दें कि कांग्रेस के शक्ति एप के जरिए करीब ढ़ाई लाख कार्यकर्ताओं से मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर व्यक्तिगत राय ली गई है। इसके साथ ही उम्र, अनुभव, राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका, व्यक्तित्व जैसी बातों को चयन का आधार माना गया है। इसी फार्मूले के आधार पर हाइकमान सीएम के नाम तय कर रहे हैं।
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