ब्रेस्ट कैंसर को अक्सर महिलाओं से जोड़ा जाता है, लेकिन यह धारणा पूरी तरह से सही नहीं है। ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं में नहीं, बल्कि पुरुषों में भी हो सकता है। हालांकि यह पुरुषों में अपेक्षाकृत दुर्लभ है, लेकिन फिर भी इसकी मौजूदगी और प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस लेख में हम पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के कारण, लक्षण और इसके बचाव के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का निर्माण कैसे होता है
कैंसर का निर्माण तब होता है जब किसी विशेष स्थान की कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं। ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति में, ये अनियंत्रित कोशिकाएं ब्रेस्ट टिश्यू में विकसित होती हैं। पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर तब उत्पन्न होता है जब ब्रेस्ट के आसपास की कोशिकाएं अनियमित रूप से बढ़ती हैं।
पुरुषों में ब्रेस्ट टिश्यू की मात्रा महिलाओं की तुलना में कम होती है, जिसके कारण यह कैंसर उनके लिए अधिक दुर्लभ है। फिर भी, कुछ पुरुषों के ब्रेस्ट के आसपास की कोशिकाएं असामान्य रूप से विकसित हो सकती हैं, जिससे कैंसर का निर्माण होता है। आमतौर पर, यह कैंसर पुरुषों में अधिक उम्र में, विशेष रूप से 60 से 70 वर्ष की आयु के बीच विकसित होता है।
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के कारण
उम्र: बढ़ती उम्र के साथ ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। आमतौर पर, यह कैंसर 60 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में अधिक देखा जाता है।
जेनेटिक कारण: कुछ जीन में वंशानुगत म्यूटेशन, जैसे BRCA1 और BRCA2, पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो यह म्यूटेशन पुरुषों में भी हो सकता है।
हॉरमोनल असंतुलन: लिवर सिरोसिस की स्थिति में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है, जिससे पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। जब शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर असामान्य रूप से बढ़ता है, तो यह ब्रेस्ट टिश्यू की वृद्धि को प्रभावित कर सकता है।
अत्यधिक शराब का सेवन: शराब का अधिक सेवन पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकता है। यह शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, जो कैंसर के विकास में योगदान देता है।
अतिरिक्त वजन: मोटापे से भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, क्योंकि शरीर में वसा एस्ट्रोजन का उत्पादन बढ़ा सकता है, जो ब्रेस्ट कैंसर के विकास को प्रोत्साहित कर सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण महिलाओं के समान हो सकते हैं, लेकिन कुछ विशिष्ट लक्षण निम्नलिखित हैं:
दर्द रहित गांठें: ब्रेस्ट के आसपास दर्द रहित गांठ बन जाती है, जो अक्सर निप्पल के आसपास होती हैं। ये गांठें कभी-कभी धीरे-धीरे बढ़ती हैं और उनके आकार में परिवर्तन हो सकता है।
निप्पल में परिवर्तन: निप्पल का लाल होना, पपड़ी बनना या निप्पल से किसी लिक्विड का डिस्चार्ज होना इसके संकेत हो सकते हैं।
त्वचा में परिवर्तन: ब्रेस्ट के आसपास की त्वचा में परिवर्तन, जैसे दाने या घाव, भी ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है।
निप्पल के आकार में परिवर्तन: निप्पल का आकार और स्थिति बदलना भी एक संकेत हो सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ आहार लेना और नियमित व्यायाम करना शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह वजन को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है, जिससे कैंसर का खतरा कम होता है।
शराब का सेवन सीमित करें: शराब के सेवन को कम करने से हार्मोन संतुलित रहते हैं, जिससे कैंसर का जोखिम कम होता है।
नियमित स्वास्थ्य जांच: नियमित स्वास्थ्य जांच से ब्रेस्ट कैंसर का पता समय पर लगाया जा सकता है। अगर आपके परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास है, तो नियमित रूप से डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
तनाव: तनाव को प्रबंधित करने के लिए योग, ध्यान या अन्य आरामदायक गतिविधियों में शामिल होना भी फायदेमंद हो सकता है।
समुचित जानकारी: ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों और कारणों के बारे में जागरूक रहना जरूरी है। अगर कोई लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या पेड़-पौधों में लग गई हैं चींटियां? तो ऐसे पाएं छुटकारा
पति-पत्नी के रिश्ते को कमजोर बना देती है ये छोटी-छोटी गलतियां
'मुझे जरा पैड दिखा दो...', जब पीरियड्स में जूझ रही एक्ट्रेस से बॉयफ्रेंड ने की-डिमांड