नई दिल्ली । नोटबंदी के 50 दिन पूरे हो जाने के बाद अब इसके अच्छे और बुरे पहलूओं पर चर्चा की जा रही है। तो दूसरी ओर करोड़ों की हेरफेर करने वाले अभी भी प्रयास में हैं कि उनका धन किसी तरह से प्रबंधित हो जाए। मगर इन लोगों के लिए नोट्स में रिश्वत का प्रबंध करना बेहद मुश्किल है। ऐसे में ये अधिकारी किश्तों में रिश्वत मांग रहे हैं। इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने कहा कि इस तरह की कोशिश विशाखापट्नम में आयकर अधिकारी द्वारा की गई।
दरअसल सीबीआई के कुछ अधिकारियों ने मीडिया में बिना अपना नाम लिए यह बताया है कि कुछ अधिकारियों ने लोगों से संबंधित काम को लेकर रिश्वत मांगी थी। मगर सीबीआई द्वारा इसे पकड़ लिया गया। मिली जानकारी के अनुसार विशाखापत्तनम में आयकर विभाग के जो अधिकारी पदस्थ हैं उन अधिकारियों में से एक श्रीनिवास राव शामिल हैं और राव द्वारा व्यक्ति से डेढ़ लाख रूपए की रिश्वत मांगी गई।
उन्होंने किश्तों में रिश्वत की मांग की। दरअसल उक्त व्यक्ति ने भूखंड निर्माता को पुनर्विकास हेतु दिया था। मिली जानकारी के अनुसार नोटबंदी के कारण लोगों ने असमर्थता जताई थी। इतना ही नहीं हालात ये थे कि करीब 30 हजार रूपए से पहली किश्त प्रदान की जा रही थी।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने उक्त अधिकारी को रिश्वत लेते हुए ट्रेप किया था। दरअसल अचल संपत्ति बेचने को लेकर शिकायतकर्ता द्वारा नोटिस जारी किया गया जिसे लेकर कार्रवाई रोकने हेतु आरोपी द्वारा करीब डेढ़ लाख रूपए की मांग की गई थी। इतना ही नहीं इस कार्रवाई में महत्वपूर्ण दस्तावेज के साथ लगभग 2.3 लाख रूपए की नकदी मिली थी।
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