नई दिल्ली : नोटबन्दी से प्रभावित हुई देश की बड़ी कम्पनियों की तीसरी तिमाही में बेशक बेलेन्स शीट गड़बड़ाई है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि भविष्य में उन्हें इस नोटबन्दी का फायदा जरूर मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि साबुन-शैंपू से लेकर सीमेंट और ऑटोमोबाइल बिजनेस करने वाली कंपनियों ने माना है कि नोटबंदी की वजह से उनके तीसरी तिमाही के परिणाम में उनकी बैलेंसशीट पर नकारात्मक असर पड़ा है. नोटबंदी ने सभी क्षेत्र की कंपनियों पर असर डाला है, फिर भी उन्हें उम्मीद है कि यह परेशानी कम समय के लिए रही है और आगे उन्हें इसका फायदा मिलेगा. इसीलिए अधिकांश कम्पनियों ने सरकार के इस कदम की आलोचना सार्वजनिक रूप से नहीं की.
कंपनियां यह मान रही हैं कि नोटबंदी का असर अक्टूबर-दिसंबर की तीसरी तिमाही में उनकी वित्तीय व्यवस्थाओं पर पड़ा है. इन कंपनियों में अंबानी, टाटा, महिंद्रा आईटीसी, हिंदुस्तान यूनीलीवर, डाबर और बजाज जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं.
इस बारे में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज का कहना है कि नोटबंदी के कारण इस दौरान घरेलू मांग की गति कमजोर पड़ी. हालांकि, नोटबंदी का असर जैसे-जैसे कम होगा, आगे मांग बढ़ने की उम्मीद है. नकदी की कमी से घरेलू ग्राहकों ने सतर्क होकर खरीदारी की.वहीं, आदित्य बिड़ला ग्रुप की अल्ट्राटेक ने नोटबंदी को छोटी अवधि की तकलीफ और लंबी अवधि का फायदा बताया. जबकि टाटा समूह की कंपनी टाइटन के अनुसार उपभोक्ता आधारित उसके सभी कारोबारों में तीसरी तिमाही में भारी गिरावट आई. वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा का कहना है कि तीसरी तिमाही में नोटबंदी का असरपरिवहन और ट्रैक्टर उद्योग पर देखने को मिला है.
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