कांग्रेस सांसद की सीट से मिली नोटों की गड्डियां, राज्यसभा में मचा बवाल, भाजपा हमलावर

कांग्रेस सांसद की सीट से मिली नोटों की गड्डियां, राज्यसभा में मचा बवाल, भाजपा हमलावर
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नई दिल्ली: राज्यसभा में कांग्रेस के बेंच पर नोटों की गड्डी मिलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में इस गंभीर घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने सीट नंबर 222 से नकदी मिलने की सूचना दी। यह सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है।  

सभापति ने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए नियमों के तहत जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने सदन में कहा, "यह एक चिंताजनक स्थिति है, और हम सुनिश्चित करेंगे कि मामले की पूरी जांच हो।" यह घटना संसद की गरिमा और शुचिता पर सवाल उठाने वाली है। नोटों की गड्डी मिलने से न केवल सदन में हंगामा मच गया बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाएं शुरू हो गईं। कई विपक्षी दलों ने इसे सरकार का षड्यंत्र बताया, जबकि सत्ताधारी दल ने कांग्रेस पर सीधे तौर पर निशाना साधा।  

कांग्रेस की ओर से इस मामले पर सफाई देते हुए कहा गया कि यह पार्टी को बदनाम करने की साजिश है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि अभिषेक मनु सिंघवी जैसे वरिष्ठ नेता पर इस तरह के आरोप लगाना अनुचित है। कांग्रेस ने मांग की है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो और सच्चाई सामने आए। इस घटना के बाद राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। सत्तारूढ़ दल ने इसे कांग्रेस की आंतरिक गड़बड़ियों का उदाहरण बताया। वहीं, विपक्षी दलों ने इस घटना पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह सरकार की ओर से ध्यान भटकाने का प्रयास हो सकता है।  

 संसदीय सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने नकदी की बरामदगी के बाद उस इलाके को सील कर दिया था। प्रारंभिक जांच के तहत यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि नकदी वहां कैसे पहुंची और इसका उद्देश्य क्या था। संसद में नोटों की बरामदगी से न केवल सुरक्षा पर सवाल उठे हैं, बल्कि इससे सांसदों की विश्वसनीयता भी प्रभावित हो सकती है।  

 यह घटना संसद की गरिमा के लिए एक बड़ा झटका है। सदन के भीतर नकदी मिलने जैसी घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। सभापति ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि संसद जैसी जगह पर इस तरह की गतिविधियां अस्वीकार्य हैं। अब सबकी नजरें जांच की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि नकदी का असली सच क्या है।

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