लखनऊ : देशभर में 500 रूपए और 1000 रूपए के नोटों को समाप्त कर और 500 रूपए के नए नोट व 2000 रूपए के नए नोट चलन में लाने का केंद्र सरकार का यह निर्णय काले धन को जमा करने वालों के लिए मुश्किल भरा हो सकता है। मगर इस निर्णय ने उत्तरप्रदेश चुनाव की तैयारियों को प्रभावित किया है। दरअसल देशभर में बड़े नोट्स को लेकर किए गए इस निर्णय से हड़कंप मच गया है।
उत्तरप्रदेश में व्यापक चुनाव प्रचार अभियान कर रहे दलों समेत अन्य पार्टियों को भी इस तरह के निर्णय से झटका लगा है। दरअसल कथिततौर पर ये दल अपने बड़े खर्च के लिए इन नोट्स को चलन में नहीं ला सकेंगे और न ही ये अपने नोटों को बैंकों में जमा कर अपनी आय की घोषणा नहीं कर पाऐंगे। ऐसे में इनके नोट बर्बाद माने जा सकते हैं। फौरी तौर पर बाजार में पुराने नोटों के मंगलवार मध्यरात्रि से ही चलन से बाहर हो जाने के कारण बुधवार की सुबह से ही ये अपने खर्च पुराने नोटों से नहीं कर पाऐंगे ऐसे में यह रकम बर्बाद हो जाएगा।
इन पार्टियों का बड़ा धन व्यर्थ हो जाएगा। चुनाव में प्रचार-प्रसार करने वाली इन कंपनियों को अपने खर्च पर नियंत्रण रखना होगा। हालांकि इस निर्णय से भाजपा को भी नुकसान हो सकता है। सरकार द्वारा इस तरह के प्रयास को कालेधन के विरूद्ध बड़ा प्रयास माना जा रहा है। हालाकि छोटे बजट वाले दलों को कुछ आसानी हो सकती है। अपनी चुनावी तैयारी करने वाली कांग्रेस, सपा और बसपा को भी इस निर्णय से बड़ा नुकसान हो सकता है।