मध्यप्रदेश और हरियाणा के बाद अब राजस्थान में भी नाबालिगों से रेप के दोषियों को फांसी की सजा का बिल पास हो गया है. बिल के अनुसार 12 साल से काम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को जांच पूरी हो जाने के बाद फांसी का प्रावधान संबंधित बिल अब विधानसभा में पास कर दिया गया है. अब यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा, जहाँ से मंजूरी मिलने के बाद इस पर अंतिम मुहर लगेगी.
हालाँकि इस तरह के कानून मध्यप्रदेश और हरियाणा में भी बनाए गए है, लेकिन लचर कानून व्यवस्था और प्रशासन की अनदेखी के चलते कोई विशेष फर्क नहीं आया है. राज्यों ने फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन तो कर दिया है लेकिन यह अदालतें कितनी फ़ास्ट है यह हम सब जानते है, अब देखने वाली बात यह होगी की रेप कांडों में अव्वल रहने वाले यह राज्य इस कानून का किस तरह से उपयोग करते है.
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हमने इस मामले में दो संशोधन किए हैं. 12 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के खिलाफ अपराधों में दोषी व्यक्तियों के लिए मृत्युदंड और आजीवन कारावास को जोड़ा गया है. एक प्रावधान यह भी दिया गया कि अपराधी 14 साल की सजा पूरी करने के बाद भी जीवनभर जेल से बाहर नहीं निकल सकता.
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