देहरादून: प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल एवं फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए अब उत्तराखंड सरकार ने बड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि यदि कोई परीक्षाओं में नकल करते पाया गया तो उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों से सरकार सख्ती से निपटेगी।
सीएम ने यह भी कहा कि जो उम्मीदवार परीक्षा में अनुचित साधनों का उपयोग करते पाए जाएंगे, उन्हें अगले 10 सालों तक के लिए राज्य की किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित होने से पाबंदी लगा दी जाएगी। उन्होंने कहा, 'परीक्षा में नकल करते पाए जाने वालों की पूरी संपत्ति कुर्क की जाएगी। इसके साथ ही हम यह भी प्रावधान कर रहे हैं कि परीक्षा देते वक़्त नकल करने वाले अगले 10 वर्षों तक किसी भी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे।'
दिसंबर 2022 में उत्तराखंड की सबऑर्डिनेट सर्विस भर्ती का पेपर लीक हो गया था जिसके पश्चात् STF ने मामले की तहकीकात की थी। तहकीकात में पाया गया था कि लेखपाल-पटवारी सहित अन्य कई परीक्षाओं के पर्चे बेचे गए थे। प्रदेश सरकार अब भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को लेकर सख्ती अपना रही है जिसके चलते ही यह निर्णय लिया गया है। बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग ने भी भर्ती परीक्षाओं में नकल करते पकड़े जाने वालों पर 5 सालों तक के लिए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। बिहार लोक सेवा आयोग की आगामी परीक्षा 12 फरवरी को आयोजित की जाने वाली है जिसके लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
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