ओटावा: कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में फिलिस्तीनी समर्थक उपद्रवियों ने महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा पर तोड़फोड़ की कोशिश की और प्रतिमा पर फिलिस्तीन का झंडा लगा दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसे कनाडा के एक पत्रकार ने साझा किया और आरोपियों को "जिहादी" कहा। वीडियो में देखा जा सकता है कि दो नकाबपोश उपद्रवी महाराजा की प्रतिमा पर चढ़कर घोड़े पर फिलिस्तीन का झंडा लगाते हैं, जबकि कई लोग नीचे खड़े होते हैं।
Hosaam Hamdan AKA IG @Masked4Palestine is the individual running the notorious account known for outlandish Anti-Semitic & Pro-Hamas statements both on his IG account and in-person at protests across Toronto.
— Leviathan (@l3v1at4an) June 13, 2024
He normally wears militant styled gear including body armor-looking… pic.twitter.com/Sa7B5zScAr
फिलिस्तीनी समर्थक विरोध प्रदर्शन के दौरान इस घटना को अंजाम दिया गया और बताया जा रहा है कि प्रतिमा को अपवित्र करने वाले में से एक उपद्रवी का नाम होशाम हमदान है। पुलिस को मामले की शिकायत दी गई है और कनाडा पुलिस इस घटना की जाँच कर रही है। ब्रैम्पटन खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है, लेकिन फिलिस्तीनी समर्थकों द्वारा किए गए इस कृत्य पर खालिस्तानी समर्थकों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
महाराजा रणजीत सिंह कौन थे?
महाराजा रणजीत सिंह भारतीय इतिहास के महान सिख शासकों में से एक थे। उनका जन्म 13 नवंबर 1780 को गुजरांवाला (अब पाकिस्तान में) हुआ था। उन्होंने मात्र 12 साल की उम्र में राजगद्दी संभाली और 18 साल की उम्र में लाहौर को जीत लिया। अपने 40 साल के शासनकाल में उन्होंने कई मुस्लिम शासनों को समाप्त किया और अंग्रेजों को अपने साम्राज्य में घुसने नहीं दिया।
उन्होंने 1801 में पंजाब के महाराजा के रूप में ताजपोशी की, और बाद में अमृतसर, मुल्तान, कश्मीर, और अफगानों पर जीत हासिल की। महाराजा रणजीत सिंह का शासन विभिन्न धर्मों के प्रति सहिष्णु था और उनकी सेना में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी को शामिल किया गया था। अपनी दयालुता और उदारता के कारण उन्हें 'पंजाब का शेर' कहा जाता था। उनका निधन 27 जून 1839 को हुआ।
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