इंदौर: देश की तीसरी निजी ट्रेन का पहला व्यावसायिक परिचालन बीते गुरुवार से शुरू हो गया हैं. यह ट्रेन वाराणसी से दोपहर 2.45 बजे इंदौर के लिए रवाना हुई और शुक्रवार सुबह 9.40 बजे इंदौर पहुंचेगी. वापसी में यह ट्रेन शुक्रवार सुबह 10.55 बजे इंदौर से रवाना होकर शनिवार 6 बजे वाराणसी पर पहुंचेगी. वहीं IRCTC ने काशी महाकाल एक्सप्रेस का शुभारंभ महाशिवरात्रि के एक दिन पहले कर उन्हें महाशिवरात्रि का तोहफा दिया है.
इस ट्रेन में बीते गुरुवार और शुक्रवार को यात्रा करने वाले यात्रियों से 70 फीसदी तक महाकाल में सीट फुल हो चुकी थीं.वहीं सीटें ज्यादा भरने के चलते महाकाल में फ्लेक्सी किराया प्रणाली लागू हो गया हैं. यात्रियों को ज्यादा किराये पर ट्रेन में सीट की बुकिंग करानी पड़ेगी. अपने पहले ट्रायल रन में जहां ट्रेन को बी5 कोच में जगह रसोईयान में शिफ्ट कर दिया गया है.इस ट्रेन में प्रवेश पर पहले यात्रियों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया गया था. इस ट्रैन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी को हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया था. अब आधुनिक सुविधाओं से लैस तृतीय श्रेणी वातानुकूलित यह ट्रेन वाराणसी से चलकर सुल्तानपुर, लखनऊ, कानपुर, झांसी, बीना, भोपाल, उज्जैन के रास्ते इंदौर स्टेशन सुबह के 9.30 बजे पहुंचाएगी.
पहले वाराणसी से इंदौर का किराया 1951 रुपए था, बीते बुधवार को यात्रियों ने 2110 रुपए में सीट बुक कराई थी. ट्रेन में 70 फीसदी बुकिंग होने के पश्चात् फ्लेक्सी किराया लागू हो चुका हैं. पहले यात्रियों को उपहार देने की योजना बनाई है. लेकिन इस ट्रेन में सीट बुकिंग कराने के साथ ही यात्री टूर पैकेज की बुकिंग भी करा सकते हैं. इस काशी महाकाल एक्सप्रेस के कोच बी5 में बने शिव मंदिर को रसोईयान में शिफ्ट किया है. कर्मचारियों ने वहीं पूजा की. ट्रेन में छोटा मंदिर बरकरार रखा गया हैं.
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