नई दिल्ली : देश की राजधानी में इन दिनों उपवास की राजनीति की जा रही है.कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने दलित और अल्पसंख्यक मुद्दों पर सरकार के खिलाफ उपवास किया था, लेकिन सुबह ही खाना खाते वायरल हुई फोटो ने कांग्रेस की न केवल आलोचना हुई , बल्कि उसे बैकफुट पर भी ला दिया. अब गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के अलोकतांत्रिक रवैए के खिलाफ उपवास करेंगे.भाजपा के सांसद और नेता भी अनशन करेंगे.
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी नेताओं ने दलित और अल्पसंख्यक मुद्दों पर सरकार के खिलाफ उपवास किया था लेकिन सुबह ही कांग्रेसियों की छोले भटूरे खाने की तस्वीरें वायरल हो गई और कांग्रेस की किरकिरी हो गई. भाजपा का कल 12 अप्रैल गुरुवार को होने वाला उपवास पूर्व निर्धारित था,लेकिन अब पीएम द्वारा उपवास किए जाने से इसका महत्व बढ़ गया है. अब भाजपा द्वारा नैतिक आधार और गांधीवादी सिद्धांतों पर भी कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया जाएगा.कांग्रेस के उपवास की उड़ी खिल्ली के बाद भाजपा अब उपवास की असली ताकत दिखाएगी.
आपको बता दें कि 12 अप्रैल को प्रधानमंत्री पूरे दिन का व्रत रखते हुए अपना सरकारी कामकाज निपटाते रहेंगे. जबकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उस दिन कर्नाटक के हुबली में धरना देंगे. तय कार्यक्रम के अनुसार भाजपा के सांसद भी अपने अपने क्षेत्रों में अनशन कर कांग्रेस और विपक्ष द्वारा संसद को बंधक बनाने के बारे में अवगत करा कर बताया जाएगा कि कैसे बजट सत्र के दूसरे भाग में विपक्ष ने कोई कामकाज नहीं होने दिया.
यह भी देखें
मोतिहारी में पीएम ने दिखाई रेल परियोजनाओं को हरी झंडी