झाबुआ: मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में जनजातीय समुदाय के बीच ज्ञान के प्रसार के उद्देश्य से पीएम नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' प्रोग्राम की 62 कड़ियों का भीली बोली में अनुवाद किया गया है। यह जानकारी प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग ने सोमवार को दी। प्राप्त खबर के अनुसार, झाबुआ जिले के 80 से ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाओं ने 'मन की बात' की 62 कड़ियों के अतिरिक्त, राष्ट्रपति के बीते 12 वर्षों एवं पीएम के बीते 10 वर्षों के प्रमुख भाषणों का भी भीली बोली में अनुवाद किया है।
इसके अतिरिक्त, कक्षा 1 से 5 तक की हिंदी पाठ्यपुस्तकों और कक्षा 3 से 5 तक की पर्यावरण विषय की किताबों का भीली बोली में अनुवाद किया जा चुका है। इस बोली में अन्य पुस्तकों का अनुवाद कार्य भी जारी है।
जनसंपर्क विभाग के अनुसार, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय कृत्रिम मेधा (एआई) पर आधारित एक विशेष टूल विकसित कर रहा है। इस टूल का उद्देश्य जनजातीय बोलियों के लिए द्विभाषी शब्दकोश एवं त्रिभाषी प्रवीणता मॉड्यूल तैयार करना है। साथ ही, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कक्षा 1, 2 और 3 के छात्रों के लिए जनजातीय भाषाओं में बुनियादी पाठ्यपुस्तकें तैयार करना भी इसके लक्ष्यों में सम्मिलित है।
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