मुंबई: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर दिए गए बयान के बाद जब कांग्रेस और ठाकरे गुट के बीच दरार बढ़ने लगीं हैं और महाविकास आघाड़ी (MVA) में फूट पड़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार एक बार फिर फेविकॉल बनकर सामने आए और राहुल गांधी को समझाया कि लक्ष्य से ध्यान हटाना ठीक नहीं है. शरद पवार ने राहुल को बताया कि, हमारी लड़ाई मोदी सरकार से है, सावरकर को टारगेट करने का कोई मतलब नहीं है. सोमवार शाम को कांग्रेस सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खर्गे की तरफ से बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में शरद पवार ने यह बात सामने रखी.
शरद पवार ने राहुल गांधी को यह स्पष्ट समझा दिया कि ठाकरे गुट के लिए सावरकर एक आदर्श पुरुष रहे हैं. बालासाहेब ठाकरे सहित देश और महाराष्ट्र में उन्हें माफीवीर की जगह क्रांतिवीर माना जाता है. यदि वीर सावरकर पर टीका-टिप्पणियां की गईं, तो महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी (MVA) के लिए संकट उत्पन्न हो जाएगा. इसके साथ ही राष्ट्रीय राजनीति में भी भाजपा के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी. बैठक से जो खबरें सामने आई हैं और जो खुद संजय राउत पवार के हवाले से इसकी पुष्टि कर रहे हैं कि NCP प्रमुख ने बैठक में यह सलाह दी और राहुल गांधी ने भी आइंदा सावरकर पर बयान टालने पर सहमति जताई.
बता दें कि, उद्धव और कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ने का सबसे बड़ा संकेत यह था कि खड़गे द्वारा बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और विपक्ष के कई बड़े नेता मौजूद थे, मगर शिवसेना का कोई नेता नहीं आया. बताया जा रहा है कि मामले की नजाकत को भांपते हुए राहुल गांधी ने भी कहा कि यदि उनके सावरकर पर दिए गए बयानों से किसी की भावना आहत होती है तो वे इस मुद्दे पर अब बयान देने से परहेज़ करेंगे.
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