नई दिल्ली: राहुल गांधी के एक लेख को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। अपने लेख में राहुल गांधी ने कहा कि भले ही ईस्ट इंडिया कंपनी का राज खत्म हो गया हो, लेकिन उस कंपनी के द्वारा जो डर और एकाधिकारवाद पैदा किया गया था, वह आज भी एक नए रूप में दिखाई दे रहा है। राहुल गांधी ने यह भी लिखा कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय राजाओं को धमकाकर, रिश्वत देकर और उनके खिलाफ ताकत का इस्तेमाल कर भारत पर राज किया था।
Those who sell hatred have no right to lecture on Indian pride and history. @RahulGandhi ’s ignorance about Bharat’s rich heritage and his colonial mindset have crossed all limits.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) November 6, 2024
If you claim to ‘uplift’ the nation, stop insulting Bharat Mata and learn about true Indian heroes… pic.twitter.com/GedmGkYw1r
राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर बीजेपी के कई नेताओं ने कड़ी आलोचना की है। राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, जो स्वयं शाही परिवार से हैं, ने कहा कि राहुल गांधी का लेख भारत के राजघरानों का अपमान है। उन्होंने कहा कि एकीकृत भारत का सपना उन्हीं राजपरिवारों के बलिदान से संभव हुआ था, और ऐसे ऐतिहासिक तथ्यों की अधूरी व्याख्या करना पूरी तरह से गलत है। बीजेपी नेता और पूर्व कांग्रेसी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत की समृद्ध विरासत और इतिहास के बारे में राहुल की अज्ञानता ने सभी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने राहुल पर भारत माता का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि भारत की आजादी के लिए महादजी सिंधिया, रानी वेलु नचियार, कित्तूर चेनम्मा जैसे नायकों ने अपनी जान की बाजी लगाई थी। सिंधिया ने कहा कि राहुल गांधी आत्मनिर्भर भारत का समर्थन नहीं करते हैं और उन्हें भारत की वास्तविक विरासत का सम्मान करना चाहिए।
बीजेपी के कई अन्य नेताओं ने भी राहुल गांधी की आलोचना की। राजस्थान के नाथद्वार के विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने इसे राहुल गांधी की अज्ञानता बताते हुए कहा कि वे शाही परिवारों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। मैसूर के सांसद यदुवीर वाडियार ने भी इस लेख की कड़ी निंदा की और कहा कि राहुल गांधी के इस बयान से भारतीय राजघरानों द्वारा की गई योगदान की अनदेखी होती है।
बीजेपी के इन नेताओं का कहना है कि भारत के राजाओं और राजपरिवारों ने कभी अपने आत्म-सम्मान और देश की अस्मिता से समझौता नहीं किया था। इन नेताओं ने मांग की कि राहुल गांधी को सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने किन राजाओं का जिक्र किया है जिन्होंने रिश्वत ली थी। अन्यथा उन्हें माफी मांगनी चाहिए। बता दें कि, इससे पहले राहुल गांधी ने उद्योगपतियों को निशाना बनाया था और अडानी-अंबानी पर कई तीखे हमले किए थे। राहुल कह रहे थे कि, अडानी-अंबानी लोगों की जमीन छीन लेंगे, लेकिन वास्तविकता इससे अलग ही सामने आई। जब मोदी सरकार वक्फ बिल लेकर आई है, तब जाकर देशवासियों को पता चला है कि वक़्फ़ ने देश की 9 लाख एकड़ जमीन पहले ही छीन रखी है और इतनी ताकत उसे कांग्रेस ने ही दी थी।
Ignorance or intentional misrepresentation - "monopoly" to malign?! pic.twitter.com/fMcgBIZ1pr
— Vishvaraj Singh Mewar (@VishvarajSMewar) November 6, 2024
इसके बाद उन्होंने जाति-जाति का कार्ड खेलना शुरू किया, लेकिन इसी बीच बांग्लादेश की त्रासदी देखने को मिली, जहाँ किसी जाति देखकर नहीं, बल्कि हिन्दू धर्म देखकर उन पर अत्याचार किया जा रहा है। इसीलिए बांग्लादेश में हिन्दू-ईसाई-बौद्ध-सिख सभी इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ एक हो गए हैं और वैसा ही कुछ भारत में भी देखने को मिल रहा है। इसी बीच राहुल गांधी का नया हथियार सामने आया है।हालाँकि, अब राहुल गांधी का निशाना राज परिवारों पर आ गया है, जिन्होंने अपनी रियासतों का विलय कर भारत को एक राष्ट्र के रूप में एकजुट करने में मदद की। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि, क्या राहुल गांधी का ये बयान, रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब, तात्या टोपे, बाजीराव पेशवा, रानी चेन्नमा जैसे देशभक्तों का अपमान नहीं, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
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