'अब कांग्रेस में भी लागू हो गया रिमोट कंट्रोल मॉडल', राहुल गाँधी पर गुलाम नबी ने बोला बड़ा हमला

'अब कांग्रेस में भी लागू हो गया रिमोट कंट्रोल मॉडल', राहुल गाँधी पर गुलाम नबी ने बोला बड़ा हमला
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नई दिल्ली: शुक्रवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस प्रकार कांग्रेस से अब वो पूरी तरह से आजाद हो गए हैं, किन्तु उन्होंने अपने इस्तीफे में राहुल गांधी पर बड़ा हमला किया है। गुलाम नबी ने सोनिया गांधी को लिखे 5 पन्ने की चिट्ठी में राहुल गांधी पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सही दिशा में लड़ाई लड़नी चाहिए। ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस को देशभर में जोड़ने की कवायद की जानी चाहिए थे। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस में गुजारे पांच दशक के सियासी जीवन का जिक्र करते हुए इंदिरा गांधी, संजय गांधी एवं राजीव गांधी की प्रशंसा की तो वहीं राहुल गांधी पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से जब से पार्टी में राहुल गांधी की एंट्री हुई तथा विशेष रूप से 2013 में कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने, तब से उन्होंने पार्टी में चर्चा का पूरा खाका ही ध्वस्त कर दिया है।

उन्होंने कहा कि राहुल के नेतृत्व में पार्टी के सभी वरिष्ठ अनुभवी नेताओं को कांग्रेस में पूर्ण रूप से साइडलाइन कर दिया गया। अनुभवहीन नेता पार्टी के मामले देखने लगे। इसके बाद से निरंतर कांग्रेस को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 2014 से लेकर अभी तक कांग्रेस दो लोकसभा चुनाव हार चुकी है। गुलाम नबी ने कहा कि 2014 से 2022 के बीच 49 विधानसभा चुनाव हुए, जिनमें से 39 में कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस को 4 प्रदेशों में जीत मिली तो 6 प्रदेशों में सहयोगी दल की सरकार बनी। मौजूदा समय में कांग्रेस केवल दो प्रदेशों में ही सत्ता में है तथा दो प्रदेशों में सहयोगी दल के तौर पर सम्मिलित है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हालात को लेकर पार्टी के 23 वरिष्ठ साथियों ने शीर्ष नेतृत्व को अपने सुझाव दिए थे, किन्तु उन्हें नहीं माना गया। ऐसे में राहुल गांधी ने उसे अपने ऊपर निजी रूप से लिया था। आजाद ने कहा कि कांग्रेस में कमजोरियों के बारे में बताने वाले 23 नेताओं को गाली दी गई। उन्हें अपमानित एवं बदनाम किया गया। कांग्रेस उस हालात पर पहुंच गई है, जहां से वापसी नहीं हो सकती है। पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए 'प्रॉक्सी' का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने लिखा है कि संगठन के किसी भी स्तर पर किसी भी जगह पर चुनाव नहीं हुए हैं। कांग्रेस के चुने हुए लेफ्टिनेंट्स को पार्टी चलाने वाली मंडली द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए विवश किया गया है। पार्टी पर बड़े स्तर पर धोखाधड़ी करने के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है। गुलाम नबी आजाद ने चिट्ठी में सोनिया गांधी को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इससे भी बदतर 'रिमोट कंट्रोल मॉडल' था, जिसने UPA सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त कर दिया। 'रिमोट कंट्रोल मॉडल' अब कांग्रेस में भी लागू हो गया है। आजाद ने पत्र में लिखा कि मैंने भारी मन से कांग्रेस छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 'बहुत खेद के साथ मैंने कांग्रेस से अपना दशकों पुराना रिश्ता संबंध तोड़ने का फैसला किया। आगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पार्टी चलाने वाली मंडली के संरक्षण में फिलहाल देश के लिए क्या सही है तथा कैसे संघर्ष करना चाहिए। इस इच्छाशक्ति और क्षमता खो दिया है। 'भारत जोड़ो यात्रा' आरम्भ करने से पहले पार्टी नेतृत्व को देश भर में 'कांग्रेस जोड़ो यात्रा' करनी चाहिए थी।

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