अग्निपथ योजना को लेकर अब शिवराज सरकार ने किया ये नया वादा

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भोपाल: सेना भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना का विरोध मध्यप्रदेश में भी नजर आ रहा है। ग्वालियर एवं इंदौर सहित कई शहरों में युवा सड़क पर उतर आए। युवाओं के गुस्से का एक कारण यह भी है कि मध्यप्रदेश पुलिस में 6 हजार पदों की भर्ती में एक्स आर्मीमैन के लिए 10 प्रतिशत मतलब 601 पद रिजर्व हैं, किन्तु नौकरी केवल 6 को ही मिली। जबकि, इसके पहले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान घोषणा कर चुके थे कि अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद भी हिंसा हुई।

मध्यप्रदेश में आरक्षक भर्ती 2020 का ऑनलाइन परीक्षा इसी वर्ष 8 जनवरी से 17 फरवरी के बीच हुआ था। 6 हजार पदों के लिए 30 हजार उम्मीदवारों में से 3 हजार एक्स आर्मीमैन कैंडिडेट्स की परीक्षा होना थी। 601 एक्स आर्मीमैन का सिलेक्शन होना था, किन्तु चयन केवल 6 किए गए। इसे लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई। वकील एनएस रूपराह ने बताया कि अदालत ने 29 अप्रैल को लंबी बहस के बाद सरकार को निर्देश दिए कि भर्ती प्रक्रिया इस याचिका के निराकरण के अधीन रहेगी। अदालत ने सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा है। इसी प्रकार वर्दी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने भी याचिका दायर की है।

वर्दी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष सेवानिवृत मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव का कहना है कि केंद्र सरकार की अग्नि पथ स्कीम कामयाब होगी, इस पर संदेह है। योजना के तहत भर्ती होने वालों में से केवल 25 प्रतिशत को ही आर्मी में आगे सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। जबकि 75 प्रतिशत बाहर हो जाएंगे। इससे एक ओर जहां सशस्त्र सेनाओं की एफिशिएंसी पर फर्क पड़ेगा। वहीं, दूसरी तरफ बेरोजगारी बढ़ने का अंदेशा है। यह हालात तब है, जब पुलिस की मौजूदा भर्ती में पूर्व सैनिकों के लिए 10 प्रतिशत पद आरक्षित होते हुए भी मध्यप्रदेश में चल रही भर्ती में इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर हमने अदालत की शरण ली है। ऐसे हालात में सरकार पर कैसे विश्वास किया जा सकता है कि अग्निपथ स्कीम का लाभ युवाओं को मध्यप्रदेश में मिलेगा? सेवानिवृत मेजर जनरल ने कहा– 4 वर्षों में से छह महीने तो ट्रेनिंग में निकल जाएंगे। फिर वो व्यक्ति जिस भी रेजिमेंट में जाएगा, उसकी उसे अलग से इन्फेंट्री, सिग्नल या अपने आर्म की विशेष ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी, जिसमें और समय लगेगा। उपकरणों के उपयोग से पहले आपको उसकी अच्छी जानकारी हासिल होनी चाहिए। वो व्यक्ति एयरफोर्स में पायलट तो बनेगा नहीं। वो ग्राउंड्समैन या मेकैनिक बनेगा। वो वर्कशॉप में जाएगा। चार वर्ष में वो क्या सीख पाएगा? कोई उसे हवाई जहाज हाथ नहीं लगाने देगा। यदि आपको इन्फेंट्री आरटी, ऑर्म्ड या आर्मी की किसी भी विंग में उपकरणों की देखभाल नहीं करनी आती तो वहां भी आप काम नहीं कर पाएंगे।

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