नई दिल्ली : यह बड़ी अच्छी बात है कि देश के दो भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अन्धविश्वास के मिथक को तोड़कर नई मिसाल कायम की है. राजनेता ही देश को प्रेरणा देते हैं. यदि वे ही अन्धविश्वास से घिरे रहेंगे तो दूसरों का क्या मार्गदर्शन देंगे.अब इस कड़ी में एमपी के सीएम शिवराज सिंह का नाम भी जुड़ने वाला है., क्योंकि वे जल्द ही अशोक नगर जाएंगे जिसे राजनीतिक दृष्टि से अभिशप्त माना गया है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा आकर प्रदेश के सीएम का यहां आने को लेकर बने भ्रम को तोड़ा, वहीं गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने शपथ को लेकर बने अंधविश्वास से आगे जाकर 11 बजे शपथ ली. अब मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी अशोक नगर जाने का फैसला किया है, जहाँ का दौरा करने पर राजनेताओं की उसकी कुर्सी चली जाती है.
बता दें कि अशोक नगर को लेकर ये मिथक है कि मध्य प्रदेश का जो भी मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल में अशोक नगर जिला मुख्यालय जाता है, उसका पद चला जाता है. यह एक संयोग ही रहा कि मध्य प्रदेश के जिस सीएम ने अशोक नगर का दौरा किया इसके बाद उनकी कुर्सी चली गई. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्रा, सुंदरलाल पटवा, अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, उमा भारती और बाबूलाल गौर के साथ ऐसा हुआ है कि अशोक नगर जिला मुख्यालय के दौरे के कुछ दिन बाद ही उनकी कुर्सी चली गई तब से अशोक नगर से मुख्यमंत्रियों ने दूरी बनानी शुरू कर दी.
शिवराज सिंह चौहान भी तीन बार सीएम रहने के बावजूद अशोक नगर नहीं गए हैं. लेकिन कल मंगलवार को अशोक नगर के पिपराई कस्बे में शिवराज सिंह ने कहा कि वह इस बात को नहीं मानते कि यहां का जिला मुख्यालय सीएम के करियर को लिए अच्छा नहीं है. शिवराज ने कहा कि वो अंधविश्वासी नहीं हैं. वे अशोक नगर जिला मुख्यालय जाकर यहां को लेकर बने मिथक को तोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि मैं ऐसी बातों में विश्वास नहीं करता हूं . जल्द ही अशोक नगर का दौरा करूंगा.
यह भी देखें
CM शिवराज परिवार संग खाने की फोटो हो रही है ट्रोल
मेधावी छात्रों को स्मार्ट फोन देंगे सीएम शिवराज