रायपुर: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को छत्तीसगढ़ में भी बड़ा झटका लगा है। यहां शिवसेना की प्रदेश इकाई ने ठाकरे गुट को छोड़कर एकनाथ शिंदे के खेमे में विश्वास व्यक्त किया है। शुक्रवार को शिवसेना इकाई ठाकरे गुट को छोड़कर शिंदे में सम्मिलित हो गई। छत्तीसगढ़ शिवसेना प्रमुख धनंजय परिहार, मधुकर पांडे एवं रेशम जांगड़े के नेतृत्व में पिछले दिनों शिवसैनिक मुंबई पहुंचे तथा महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। तत्पश्चात, धनंजय सिंह परिहार ने शिंदे गुट पर अपना भटोसा जताया। धनंजय परिहार ने भी शिंदे को छत्तीसगढ़ आने का न्योता दिया।
बता दें कि महाराष्ट्र में 2 महीने पहले बड़ी राजनीतिक उठापटक देखने को मिली थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसैनिकों के 38 विधायकों ने बगावत कर दी थी। महाविकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में आ गई थी। तत्पश्चात, उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में एकनाथ शिंदे गुट ने भाजपा के साथ गठबंधन किया एवं सरकार बना ली थी। शिंदे को सीएम बनाया गया था। जबकि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने थे। अब शिंदे एवं उद्धव गुट में पार्टी को लेकर विवाद चल रहा है। इस सिलसिले में मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गया है।
वहीं, महाराष्ट्र की सत्ता हाथ में आने के पश्चात् शिंदे गुट को प्रदेश में समर्थन भी मिलने लगा है। कई बड़े नेता उद्धव का साथ छोड़कर शिंदे गुट में सम्मिलित हुए हैं। ठाणे के पूर्व मेयर एवं शिवसेना के जिलाध्यक्ष नरेश म्हस्के ने भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने NCP द्वारा शिवसेना का गला घोंटने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी पत्र लिखा था। MVA गठबंधन छोड़ने के पश्चात् शिंदे ने एक ट्वीट में कहा था- मैं शिवसेना एवं शिवसैनिकों को MVA के अजगर के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहा हूं। यह लड़ाई आप सभी शिवसैनिकों के फायदे के लिए है।
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