मुंबई में बीसीसीआई और आईपीएल की दो टीमों के बीच हुई बैठक में इस फटाफट गेम का अगला सीजन इंग्लैंड में कराने की बात रखी गयी. हालांकि इस सुझाव पर ज्यादातर फ्रेंचाइजियों ने अपनी नामंजूरी जाहिर की. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से सशर्त बातचीत के दौरान एक आईपीएल अधिकारी ने बताया कि, 'हां, इस पर चर्चा हुई कि क्या इस साल की नीलामी विदेशों में की जाए. दो फ्रेंचाइजी मालिकों ने इंग्लैंड का नाम सुझाया क्योंकि यह बड़ी नीलामी होगी और अधिकतर खिलाड़ी सूची में शामिल होंगे. हालांकि बाकी सभी सदस्यों ने नीलामी भारत में ही करवाने को कहा.'
आईपीएल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, "राजस्थान रॉयल्स ने रिटेन करने की नीति और 'राइट टू मैच' की नीति को ख़त्म करने का सुझाव दिया था. जबकि किंग्स इलेवन पंजाब ने केवल दो खिलाड़ियों को ही रिटेन करने की सलाह दी थी." उन्होंने बताय कि, 'ज्यादातर टीमें तीन से पांच खिलाड़ियों (रिटेन और राइट टू मैच सहित) को इस सूची में लाना चाहते थे. इसके अलावा वे खिलाड़ियों को खरीदने में खर्च की जाने वाली कुल धनराशि 60 करोड़ से बढ़ा कर 75 करोड़ करना चाहते थे.'
आपको बता दें कि एक लंबे वक्त के बाद यह पहला मौका था जब आईपीएल टीमों के अधिकतर मालिक संचालन परिषद के सदस्यों के साथ लंच के दौरान विचारविमर्श करने पहुंचे थे.
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