गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में उपचार कराने वाले नवजात को मां के दूध के लिए तरसना नहीं होगा। नवजातों को मां का पौष्टिक दूध प्राप्त होगा। इसके लिए मेडिकल कॉलेज में मिल्क बैंक आरम्भ होने वाला है। यह मिल्क बैंक 500 बेड के बाल रोग संस्थान में खुलेगा। मिल्क बैंक खोलने का प्रस्ताव NGO सुहानी ने दिया है। शासन से इसकी अनुमति प्राप्त हो चुकी है। मिल्क बैंक के लिए आवश्यक उपकरण भी NGO ही खरीदेगा। उसका संचालन NGO के साथ मेडिकल कॉलेज प्रशासन करेगा।
राज्य में अभी सिर्फ किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ में ही यह सुविधा पिछले कुछ महीने से उपलब्ध है। मां का दूध होगा पाश्चरीकृत मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि मिल्क बैंक में दूध को लंबे वक़्त तक सुरक्षित रखने के लिए उसे पाश्चरीकृत किया जाएगा। तत्पश्चात, दूध के खराब होने की आशंका नहीं रहेगी। मिल्क बैंक में मां का दूध लगभग एक महीने तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।
नवजातों को दूध दिया जाने पर प्राचार्य ने कहा कि मिल्क बैंक के कई फायदे होंगे। बीमार नवजात का उपचार करा रही मां अपना दूध मिल्क बैंक में सुरक्षित रखवा सकेगी। वक़्त-वक़्त पर कर्मचारी मां के दूध को उसके नवजात को पिलाया करेंगे। इसके लिए मां को बार-बार बच्चों के वार्ड में आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही लावारिस नवजातों को भी मां का दूध प्रदान हो सकेगा। उन्हें गाय, भैंस या पाउडर का दूध नहीं देना पड़ेगा। यशोदा दान में दे सकेंगी दूध उन्होंने कहा कि कई बार मां को जरुरी मात्रा से ज्यादा दूध बनता है। नवजात को भरपेट दूध पिलाने के पश्चात् भी मां के पास दूध बचा रहता है। ऐसी मां अपने बचे हुए दूध का दान दे सकेंगी। यह दूध दूसरे नवजातों की जान बचाने में कारगर होगा।
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