बैंगलोर: दक्षिणी राज्य कर्नाटक में बीते कुछ समय से सार्वजनिक स्थलों पर स्थित धार्मिक स्थलों को ढहाए जाने के बाद आरंभ हुए विवाद को देखते हुए अब वहां नया कानून लागू कर दिया गया है. इस कानून को गवर्नर थावरचंद गहलोत की स्वीकृति मिल गई है और अब ये पूरी तरह से लागू हो गया है. इस कानून का उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों पर बने धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किए जाने से बचाना है.
इस कानून को कर्नाटक रिलिजियस स्ट्रक्चर (प्रोटेक्शन) एक्ट नाम दिया गया है और 19 अक्टूबर को गवर्नर ने इसे हरी झंडी दे दी थी. अब इसका गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है. इस कानून को हाल ही में विधानसभा में पारित कराया गया था. दरअसल, बीते माह मैसूर जिले के नंजानगुड़ में एक मंदिर को ढहाए जाने से बखेड़ा खड़ा हो गया था. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना शुरू हो गई थी. लोगों ने भी धार्मिक स्थलों को इस प्रकार से ढहाए जाने पर विरोध व्यक्त किया था. इसके बाद राज्य सरकार जल्दबाजी में यह कानून लेकर आई है.
अब ये नया कानून सरकारी भूमि पर स्थित किसी भी धार्मिक स्थल को संरक्षण देगा. इसके साथ ही ये कानून भविष्य बिना स्वीकृति के किसी भी धार्मिक स्थल को बनाने से भी रोकता है. इस कानून में ये भी प्रावधान है कि जिला प्रशासन ऐसे धार्मिक स्थलों में धार्मिक गतिविधियों की भी इजाजत दे सकती है.
जेल की अवधि खत्म होने के बाद 4 साल बाद पटना लौटे लालू प्रसाद यादव
मतदाताओं से जुड़ने के लिए ‘धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए मजबूर’ होना पड़ता है: राशिद अल्वी
आर्यन खान केस में खुलासे के बाद शिवसेना-NCP ने किया हमला, बोले- गवाह का दावा चौंकाने वाला