वाशिंगटन। वैज्ञानिक ऐसे रोबोट विकसित कर रहे हैं, जो यह इंसानों के जैविक तंत्र और मांसपेशियों जैसे बेहद मुलायम पदार्थों से बने होंगे। ये बेहद मुलायम रोबोट बेहद मुश्किल वातावरण में भी काम कर सकेंगे और वहीं इंसानों के बीच काम करने में भी सक्षम होंगे। कोलाराडो यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट के शोधकर्चाओं का कहना है कि उन्होंने मशीन के ढांचे वाले कठोर रोबोट को अब थोड़ा नाजुक बनाने की कोशिश की है।
साइंस रोबोटिक्स नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, कोलाराडो यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के क्रिस्टोफ केप्लिंगर के मुताबिक, मशीन के ढांचे वाले कठोर रोबोट को थोड़ा नाजुक बनाने की कोशिश की गई है। इंसानों की तरह रोबोट में लगने वाली ये मांसपेशियां न सिर्फ उनकी चोट या खराबी को अपने आप ठीक कर देंगी, बल्कि इससे रोबोट, नाजुक चीजें को बिना नुकसान पहुंचाए उठा भी पाएंगे।
वैज्ञानिकों का समूह इसके लिए नए तरह का मुलायम इलेक्ट्रिक उपकरण विकसित कर रहा है, जो प्राकृतिक मांसपेशियों और भावनाओं की नकल उतारने में सक्षम होंगे। इन उपकरण में अपनी गति को महसूस करने वाले सेंसर होंगे, इलेक्ट्रिक क्षति होने पर तुरंत खुद की मरम्मत कर लेंगे।
ये बेहद हल्के सामान जैसे स्ट्राबेरी और कच्चे अंडे से संबंधित काम भी कर सकेंगे और भारी भरकम सामान के साथ भी। नया विकसित उपकरण हाइड्रालिकली एंप्लीफाई सेल्फ हीलिंग इलेक्टोस्टेटिक (एचएएसईएल) भारी भरकम रोबोटिक उपकरणों की जगह लेगा। इनकी मदद से भविष्य में बिल्कुल इंसानी मांसपेशियों वाले रोबोट बनाना संभव होगा। यह शोध जर्नल साइंस रोबोटिक में प्रकाशित हुआ है।
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