पुणे: महाराष्ट्र के पुणे पोर्शे दुर्घटना में प्रतिदिन नए-नए खुलासे एवं दावे सामने आ रहे हैं। अब तक ऐसा बताया जा रहा था कि कार को बिल्डर का नाबालिग बेटा चला रहा था, किन्तु अब इस हिट एंड रन केस में नया मोड़ आ गया है। अपराधी लड़के के बिल्डर पिता का दावा है कि कार को बेटा नहीं, बल्कि ड्राइवर चला रहा था। स्वयं ड्राइवर ने भी पुलिस को दिए अपने बयान में यही कहा है। वहीं, पुलिस इस दावे के पश्चात् असली सच्चाई पता करने के लिए सड़क पर लगे तथा CCTV कैमरों के फुटेज की बारीकी से तहकीकात में जुटी है।
पुलिस ने अपराधी लड़के के पिता बिल्डर विशाल अग्रवाल को गिरफ्त में ले लिया है। पुलिस ने उसका फोन भी जब्त कर लिया है। विशाल ने पुलिस को बताया कि जिस वक़्त ये दुर्घटना हुई, घर का ड्राइवर कार चला रहा था। नाबालिग के दोस्तों ने भी यही जवाब दिया है। हादसे में सम्मिलित पोर्शे कार का रजिस्ट्रेशन क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने 12 महीने के लिए रद्द कर दिया है। वहीं पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि क्या नाबालिग और दोस्तों ने पब में पार्टी के चलते ड्रग्स लिया था। अपराधी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को भी पुलिस ने कल पूछताछ के लिए बुलाया था। पुलिस ने पोर्शे कार की फॉरेंसिक जांच भी कराई है।
दुर्घटना को लेकर स्थानीय येरवडा पुलिस स्टेशन के अफसर भी जांच के घेरे में हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, नाबालिग अपराधी की गिरफ्तारी के पश्चात् उसे वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया था। पिज्जा और बर्गर आरोपी को थाने में खाने को दिया गया था। इसलिए पुलिस स्टेशन के अंदर लगे CCTV फुटेज को भी जब्त किया गया है। सूत्रों के अनुसार, एक एसीपी स्तर के अफसर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, आज अपरधियों को अदालत में दोबारा पेश कर पुलिस कस्टडी की मांग करेगी। साथ ही नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल से भी छोटा राजन से संबंध को लेकर दोबारा पुलिस कमिश्नर ऑफिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है।
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