नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने देश की राजधानी में गुटखा, पान मसाला, तंबाकू और इस प्रकार के अन्य उत्पादों के बनाने, स्टोरेज और बिक्री पर रोक लगाने वाली खाद्य सुरक्षा आयुक्त की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है। बता दें कि वर्ष 2015 से 2021 के बीच ये अधिसूचनाएं जारी की गई थीं। उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद दिल्ली में तंबाकू से संबंधित उत्पादों को बनाने और बेचने पर लगा बैन हट जाएगा।
वहीं, अदालत ने तंबाकू उत्पादों के उपयोग करने पर निंदा भी की है। अदालत ने कहा कि वह तंबाकू के इस्तेमाल से होने वाले हानिकारक प्रभावों और विभिन्न बीमारियों के प्रति सजग है। धूम्रपान रहित तम्बाकू सेवन और धूम्रपान दोनों सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। न्यायालय ने कहा कि वह तंबाकू के किसी भी रूप के इस्तेमाल की निंदा करता है। मगर, कानून का सवाल सिर्फ जन चेतना और भावनाओं के आधार पर निर्धारित नहीं किया जा सकता है और कानून की निष्पक्ष व्याख्या के आधार पर फैसला लिया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति गौरांग कंठ ने कहा है कि, 'निर्विवाद रूप से, अदालत इस बात से सहमत है कि तंबाकू और निकोटीन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हैं। हालांकि, इस मामले में कानून के कुछ वैधानिक सवाल हैं, जिनका फैसला सिर्फ जनता की चेतना और भावनाओं के आधार पर नहीं किया जा सकता है, बल्कि उचित व्याख्या के आधार पर निर्धारित किया जाना है।'
क्या अब अखिलेश से मिलाऐंगे हाथ ? जानिए नेताजी के निधन के बाद क्या बोले शिवपाल
'राजेंद्र गुढ़ा बिन पेंदे के लोटे, किधर भी लुढ़क जाते हैं..', केंद्रीय मंत्री का कांग्रेस नेता पर हमला
'मैं अपने दम पर यहाँ तक पहुंचा, थरूर उस वक़्त कहाँ थे..', खड़गे के तीखे बोल