नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा बीते पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा खत्म करने के बाद राज्य के भविष्य पर चर्चा छिड़ गयी है। सरकार का कहना है कि यह कदम कश्मीर में निवेश को बढ़ावा देगा। जिससे व्यापर की संभावनाएं बढ़ेंगी। विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों ने कश्मीर मेैं निवेश की बड़ी घोषणा की है। इसकी घोषणा अनिवासी भारतीय कारोबारी और ओसीआई इंवेस्टर फोरम के अध्यक्ष बी के मोदी ने की है।
अमेरिका, सिंगापुर, जर्मनी, फ्रांस और कुछ अन्य देशों में रहने वाले भारतवंशी कश्मीर में 100 नए होटल बनाएंगे। पंच तारांकित इन होटलों को वेलनेस सेंटर की तरह विकसित किया जाएगा ताकि दुनिया भर के लोग कश्मीर के शुद्घ हवा-पानी का आनंद उठाने वहां पहुंच सकें। इन होटलों के निर्माण में करीब 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। बी के मोदी ने कहा कि कश्मीर घाटी में दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यह फैसला किया गया है। कश्मीर ही क्यों, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि कश्मीर की आवो-हवा जन्नत की तरह है।
वहां पर्यटक आना चाहते हैं, लेकिन वहां पर्याप्त फाइव स्टार होटल नहीं हैं। इसलिए उन्होंने अमेरिका में फाइव और फोर स्टार होटल चलाने वाले भारतवंशियों को यहां निवेश को प्रेरित किया। उनका कहना है कि एक होटल के निर्माण पर करीब 100 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इन निवेशकों को अमेरिका या अन्य देशों में निवेश पर दो-ढाई फीसदी का रिटर्न मिलता है जबकि भारत में 10 से 20 फीसदी का रिटर्न मिलेगा। महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य में दो रिसॉर्ट खोलने की बात कही है।
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