सेबी के 22 नवंबर 2019 के आदेश के बाद 2 दिसंबर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक्सचेंज और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) के नियमों का अनुपालन नहीं करने के कारण कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड का ट्रेडिंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है। NSE ने एक सर्कुलर उपलब्ध कर इस संदर्भ में जानकारी दी है। एनएसई के साथ बीएसई, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और एमएसईआई ने भी कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग का ट्रेडिंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है।
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग पर 22 नवंबर से कार्रवाई शुरू हुई थी जब बाजार नियामक सेबी ने अपनी प्राथमिक छानबीन में यह पाया था कि इस ब्रोकरेज कंपनी ने क्लाइंट की सिक्योरिटीज का बेजा इस्तेमाल किया, साथ ही उसका उपयोग अपनी अन्य जरूरतों के लिए किया। सेबी के आदेश मुताबिक , कार्वी ने क्लाइंट के सिक्योरिटीज बेचकर उसके पैसे कार्वी रियल्टी लिमिटेड नाम की अपनी इकाई को ट्रांसफर किए थे। एनएसई का सर्कुलर यहां देंखें।
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के मामले में पहले जितनी रकम शामिल होने का अंदाजा लगाया जा रहा था, वास्तव में यह राशि उससे काफी बड़ी है। बाजार नियामक सेबी के मुताबिक , कार्वी ने लगभग 2,800 करोड़ रुपये के क्लाइंट सिक्योरिटीज का बेजा उपयोग किया था। यह राशि पहले सामने आई रकम 2,000 करोड़ की तुलना में 40 फीसद जयादा है। 29 नवंबर को सेबी के तरफ सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल में उपस्थिति हुए रफीक दादा ने कहा कि सेबी के फॉरेंसिंक ऑडिंग की प्राथमिक छानबीन में पैसों के गलत इस्तेमाल के जो आंकड़ें आए हैं वह उससे ज्यादा भी हो सकते हैं।
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