नई दिल्लीः देश में चल रहीं मंदी से तमाम उद्योग धंधे ठप पड़े हुए हैं। सराकर के राहत भरी कदमों के ऐलान के बावजूद कोई खास असर पड़ता नहीं दिख रहा है। एक सरकारी आंकड़े भी जेश में छाई सुस्ती की पुष्टि कर रहे हैं। आंकड़े के मुताबिक, जुलाई माह में आठ कोर सेक्टर्स (इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट) की विकास दर में गिरावट दर्ज की गई है। आठ कोर सेक्टर्स में जुलाई महीने में ग्रोथ रेट 2.1 फीसद रही है।
जबकि पिछले साल इसी महीने यह 7.3 फीसद रही थी। इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट में कोयला, क्रूड ऑयल और विधुत जैसे आठ सेक्टर्स शामिल होते हैं। इनकी भारत के कुल इंडस्ट्रियल आउटपुट (औद्योगिक उत्पादन) में करीब 40 फीसद हिस्सेदारी होती है। इन आंकड़ो के मुताबिक, आठ कोर सेक्टर्स की ग्रोथ रेट में कमी का कारण कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस और रिफायनरी उत्पादों में संकूचन रहा है।
आठ कोर सेक्टर इंडस्ट्रीज में कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी प्रोडक्ट्स, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और विद्युत आती हैं। जुलाई माह में कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस और रिफायनरी उत्पादों के उत्पादन में नेगेटिव ग्रोथ दर्ज हुई है। अप्रैल से जुलाई माह की अवधि में इन आठ सेक्टर्स में ग्रोथ रेट 3 फीसद रही है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह दर 5.9 फीसद रही थी। यह सब सरकारी आंकड़ो पर आधारित है।
एसबीआई की एमडी अंशुला कांत बनी विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक