यूजर्स के लिए आई बड़ी खबर, व्हाट्सएप के बाद पेगासस का निशाना बने ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म

यूजर्स के लिए आई बड़ी खबर, व्हाट्सएप के बाद पेगासस का निशाना बने ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
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कुछ दिनों पहले ही व्हाट्सएप ने इजरायल की साइबर कंपनी NSO पर हैकिंग का इलज़ाम लगाया है. जंहा कंपनी का कहना था कि एनएसओ ने पिगासस सॉफ्टवेयर के द्वारा 1,400 भारतीय पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं के डाटा को हैक कर लिया है. मिली जानकारी के अनुसार जासूसी मामले में यूजर्स की संख्या में बढ़त हो सकती है. वही दूसरी ओर साइबर विशेषज्ञों की मानें तो पिगासस व्हाट्सएप के अलावा अन्य एप्स के प्लेटफॉर्म की सहायता से भी यूजर्स की जासूसी कर रहा है. जंहा, इस सॉफ्टवेयर से आईओएस, एंड्रॉयड और ब्लैकबेरी के डिवाइसेज को हैक किया गया है. हम आपको बताते है कि पिगासस ने किन एप्स को हैकिंग के लिए उपयोग किया गया है और साथ ही किन एप्स को निशाना बनाने वाला है.

स्मार्टफोन नहीं हैं: सुरक्षित सूत्रों की माने तो गूगल की प्रॉजेक्ट जीरो टीम ने सितंबर में एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की खामियों को उजागर कर रही है. शाओमी, वीवो, ओप्पो और सैमसंग के फोन्स को आसानी से हैक किये जा रहे है. जंहा इस हैकिंग के लिए गूगल ने इजरायली टेक कंपनी एनएसओ को दोषी बताया है. जंहा हैकिंग के बाद ही स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों ने यूजर्स के लिए तुरंत सिक्योरिटी पैच जारी कर दिया है.

आईफोन पर हो चुका है हैकिंग अभ्यास: मिली जानकारी से इस बात का खुलासा हुआ है 2016 में एनएसओ ने पिगासस के जरिए आईफोन को हैक करने की कोशिश कर चुका है. जैसे ही एपल को इस बात का पता चला तो कंपनी ने तुरंत यूजर्स के लिए अपडेट जारी कर दिया है. उसी दौरान 2017 में आई रिपोर्ट में पता चला था कि सबसे समाजिक कार्यकर्ता अहमद मंसूर को पिगासस की जानकारी दे गयी थी . रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि हाईटेक प्लेटफॉर्म को हैक करने के लिए इस सॉफ्टवेयर पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके है. इसके बाद से ही एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को हैक करना आसान बनता जा रहा है.

सॉफ्टवेयर की है काफी मांग: अभी- अभी मिली जानकारी के अनुसार व्हाट्सएप ने कहा है कि जासूसी के मामले में लोगों की संख्या बढ़ने लगी है. वहीं, इस सॉफ्टवेयर से भारत में 1,400 यूजर्स को प्रभावित किया है. वहीं, हमने यूजर्स को नोटिफिकेशन भेज सतर्क रहने को कहा है. हम अपने पार्टनर्स के साथ मिलकर यूजर्स के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रहे है. दूसरी तरफ दुनियाभर में सर्विलान्स सॉफ्टवेयर की मांग अब बढ़ती जा रही है.

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