नहरों में मिलने वाले शव की संख्या में हुआ तीन गुना इजाफा

नहरों में मिलने वाले शव की संख्या में हुआ तीन गुना इजाफा
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पानीपत. अप्रैल-मई में जैसे नहरों में पानी कम कर दिया जाता है वैसे ही पानी में मौजूद में बॉडी नजर आने लगती है. इस मामले में बीते 3 वर्षो से हरियाणा की नहरों से 1770 लाशे बरामद हो चुकी है. इनमे से दो तिहाई मामले तो हत्या के है. इनकी पुष्टि 3 वर्ष में हुई 355 शिनाख्तो से होती है. बता दे कि आज से तीन वर्षो पहले नहरों से लगभग 150 से 200 शव बरामद होते थे. अब यह आंकड़ा तीन गुना बढ़ गया है.

बरामद शवों की शिनाख्त करने आने वालो में पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान और हरियाणा के लोग शामिल है. जानकारी दे दे कि हत्या के बाद नहर में शव इसलिए डाल दिया जाता है ताकि पोस्टमार्टम में हत्या का कारण न पता चल सके. जुर्म छिपाने के लिए यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. शव की तलाश में आये पटियाला से सुखपाल की 70 वर्षीय बूढ़े पिता पहुंचे. बेटे के लापता होने के बाद उन्हें आशंका थी कि कही उसे मार कर नहर में फेक दिया गया.

सिरसा ब्रांच में उनकी तलाश खत्म नहीं हुई. क्योकि नहर से बरामद शव इतने क्षत-विक्षत थे कि शिनाख्त करना मुश्किल था. इस मामले में 26 वर्षो में 46000 शव निकलने वाले पंजाब के खनौरी निवासी गोताखोर आशु मालिक का कहना है कि नहर से बरामद शव को निकाल कर उन्हें पैक करने में और पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचाने में काफी खर्च आता है. इस लिए से कैनाल डिपार्टमेंट और पुलिस शव की अनदेखी कर देते है.

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