स्वर कोकिला लता मंगेशकर के अंतिम 2 दिन बहुत तकलीफदेह थे और उन्हें बचाने की डॉक्टरों ने भरसक प्रयास भी किया. उनकी नर्स ने उनके अंतिम पलों के बारे में मीडिया से वार्तालाप भी की.आखिरी पलों में लता मंगेशकर की देखभाल करने वाली नर्स सारिका देवानंद भीसे ने भारतीय समाचार एजेंसी को कहा है कि रविवार को अंतिम सांस लेने से पूर्व के उनके आखिरी दो दिन बहुत तकलीफदेह रहे. लता मंगेशकर ने 92 वर्ष की आयु में रविवार को दुनिया से विदाई ले ली है. वह बीते कई सप्ताहों से मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती थीं.
उनकी नर्सी भीसे ने कहा, "जब लता दीदी ने आखिरी सांस ली, तब मैं उनके साथ थी.” रविवार शाम जब शिवाजी पार्क में लंता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी, हजारों आंखें भीग गईं जिनमें उनकी नर्स सारिका देवानंद भीसे भी मौजूद थीं. 2015 से लता मंगेशकर के साथ कार्य कर रहीं भीसे ने बोला है, "दीदी ने हमेशा खुद से पहले हमारे बारे में सोचा. हम उनसे बहुत प्यार करते थे और उन्हें बहुत याद भी कर रहे है.” भीसे के अनुसार आखिरी दिनों में भी लता मंगेशकर प्रतिक्रियाएं भी दी थी.
उन्होंने बोला था, "जब वह वेंटिलेटर पर थीं, तब भी हमें पहचान रही थीं. जब हमने मजाक किया तो वह उत्तर दे रही थीं. लेकिन अंतिम दो-तीन दिन वह बहुत चुप हो चुकीं थी.” भयानक थे दो दिन भीसे बोलती हैं कि लता मंगेशकर के आखिरी दो दिन ‘भयानक' रहे. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने के लिए बहुत प्रयास किए. अपनी बात को जारी रखते हुए भीसे ने बताया है कि, "कोविड-19 और न्यूमोनिया की वजह से उनके फेफड़ों में परेशानी और भी ज्यादा बढ़ गई थी. वह उससे उबर गई थीं लेकिन उन्हें फिर से वायरल इंफेक्शन हो गया और फेफड़ों पर न्यूमोनिया के पैच फिर उभर आए. उनकी ऑक्सीजन सैचुरेशन कम हो गया और फिर से उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा.” मंगेशकर 29 दिन तक हॉस्पिटल में रहीं और इस दौरान सारिका भीसे लगातार उनके साथ थीं.
आखिरी समय में लता मंगेशकर के सिरहाने बैठकर खूब रोई बहन, तस्वीरें आईं सामने
जब लता मंगेशकर से 'भारत रत्न' छीनने की उठी थी मांग, भाई को AIR की नौकरी से निकल दिया गया था ..
Video: हवा में ज्यादा ऊपर उड़ गई उर्वशी रौतेला की ड्रेस, दिख गए अंडरगारमेंट्स