ग्वालियर। मैंने कभी फैमिली की बात नहीं मानी, अपने मन से काम किया. अब मैं जिंदगी से परेशान हो गई हूं, इसलिए आत्महत्या कर रही हूं. अम्मा-भैया हमें माफ करना, नर्सिंग की छात्रा ने अपनी कॉपी में यह बाते लिखी और दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी पर झूल गई. जब शाम तक कमरे का दरवाजा नहीं खुला, तो मकान मालकिन ने खिड़की से अंदर झांका. अंदर लड़की का शव फांसी पर लटका हुआ था.
जानकारी के मुताबिक मूल रूप से उरई की रहने वाली मृतक लड़की ग्वालियर में रहकर नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी. मृतका गोला का दिर इलाके की सैनिक कॉलोनी में किराए से रहती थी. शनिवार को शाम तक जब कविता के कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो हेमलता ने दरवाजा खटखटाया. लेकिन कोई जवाब नहीं आया. अंत में उन्होंने खिड़की से झांका तो अंदर कविता छत से लटकी दिखाई दी. उन्होंने परिजनों को इसकी जानकारी दी. परिजनों ने जब कमरे का दरवाजा खोला तो कविता फांसी पर लटकी हुई थी. मामले की जानकारी तुरंत पुलिस को दी गई. आत्महत्या की खबर पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे की जांच शुरू कर दी. जांच में टेबल पर लिखा सुसाइड नोट बरामद हुआ.
सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा - मैं कविता पूरे होश में सुसाइड कर रही हूं, मुझे किसी से प्रॉब्लम नहीं है और न ही किसी ने धमकी दी है. मेरा किसी से झगड़ा भी नहीं हुआ है. मेरे मरने के बाद किसी को परेशान नहीं किया जाए, क्योंकि मैं अपनी लाइफ से परेशान हो गई हूं. एक निवेदन है कि इन नंबरों पर मेरे पेरेंट्स को फोन करके मरने की जानकारी दे दी जाए. अंत में लड़की ने लिखा कि मैं अपनी फैमिली से माफी मांगना चाहती हूं, क्योंकि मैंने उनकी बात नहीं मानी, अपने मन से काम किया. अम्मा, भइया हमें माफ कर देना. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.
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