बॉलीवुड फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री नूतन को हिंदी फिल्मों की टैलेंटेड एक्ट्रेसेस में गिना जाता है। उनकी मां शोभना समर्थ भी एक्ट्रेस थीं। नूतन ने छोटी आयु में ही फिल्मों में काम करना आरम्भ कर दिया था। नूतन का निधन ब्रेस्ट कैंसर के कारण 21 फरवरी 1991 में हो गया था। आपको हैरानी होगी मगर नूतन के जानने वाले बताते हैं कि जब उन्हें बीमारी का पता लगा तो वह खुश थीं कि जीवन से मुक्ति प्राप्त होगी। नूतन एक हमान आत्मा थीं, यह बात उनकी मां से एक ज्योतिषी ने बताई थी। उनकी बहन तनुजा और मां यह भी कहा करती थीं कि बचपन में नूतन की हथेलियों से चंदन जैसी महक आती थी। नूतन के निधन के पश्चात् उनके लोनावला वाले घर एक ऐसी घटना हुई थी जिसे उनके नजदीकी पैरानॉर्मल भी मानते हैं।
नूतन की पत्रकार दोस्त ललिता ने फिल्म फेयर को उनकी जिंदगी से जुड़ी कई बातें बताई थीं। उन्होंने बताया था कि नूतन का झुकाव हमेशा आध्यात्म की ओर था। उनकी मां शोभना ने एख बार बताया था कि वह जब पैदा हुई तो उसके पश्चात् शाम 5 से लेकर प्रातः 5 तक रोती रहती थीं। डॉक्टर को दिखाया तो कोई समस्या सामने नहीं आई। फिर एक ज्योतिषी ने बताया कि वह एक महान आत्मा है तथा धरती पर जन्म नहीं लेना चाहती थई। कुछ अधूरे काम पूरे करने के लिए ही जन्मी है। वह बचपन से ही भजन लिखती थीं। उनकी बहन तनुजा और मां शोभना ने बताया था कि नूतन के नाखूनों तथा हथेली में बचपन से चंदन के तेल की महक आती थी।
नूतन को 1990 में ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था। पता चलने के पश्चात् उन्होंने राहत की सांस लेते हुए अपनी मां से कहा था, अब मैं मुक्त हो गई हूं। उस समय वह गर्जना फिल्म की शूटिंग कर रही थीं। निर्देशक को साइनिंग अमाउंट वापस कर दिया था। साथ ही कहा था कि उनका पोर्शन जल्दी पूरा कर लें। बोली थीं, 'मेरे पास अधिक समय नहीं है'। नूतन की दोस्त ललिता ने बताया था कि उनके निधन के पश्चात् एक बार वे लोग उनके लोनावला कॉटेज में थीं। वहां उनकी मां शोभना भी थीं। तभी उनके आसपास चंदन की महक फैल गई थी। उस समय उन्हें नूतन के कहे शब्द याद आ गए थे, मैं रहूं या न रहूं, फिर भी हमेशा रहूंगी।
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