भोपाल: मध्यप्रदेश पंचायत चुनावों के सिलसिले में सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुना दिया। इससे ओबीसी आरक्षण की मांग करने वाले सियासी दलों विशेष रूप से राज्य सरकार को झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए हैं कि वह मध्य प्रदेश पंचायतों के चुनाव जल्द कराए। इसके लिए दो सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करने के निर्देश भी दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि शर्ते पूरी किए बिना ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इसलिए पंचायत चुनाव में केवल एससी तथा एसटी आरक्षण ही लागू होगा। बता दे कि ओबीसी आरक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस आमने-सामने थे। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आनन फानन में प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट जारी कर सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी।
वही सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बोला था कि राज्य में ओबीसी की आबादी 48 प्रतिशत है इसलिए ओबीसी काे 27 नहीं 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए किन्तु सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की दलील नहीं मानी। दूसरी ओर कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का आदेश ही निकाल दिया था। दोनों दल एक दूसरे पर ओबीसी आरक्षण का विरोधी होने का इल्जाम लगा रहे थे। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब मध्य प्रदेश में ओबीसी के आरक्षण के बिना ही पंचायत चुनाव होंगे।
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