भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते तीन ओएएस (ओडिशा प्रशासनिक सेवा) कर्मियों सहित आठ और अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में घोषणा की अनैतिकता, अक्षमता या सत्यनिष्ठा की कमी के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति पर आकलन करने के बाद आठ कर्मियों को अक्षमता और सत्यनिष्ठा की कमी के कारण तत्काल प्रभाव से अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है ।
रामचंद्र जेना, गौरंगा चरण महांती और अल्फोनेस बिलुंग तीन ओएएस अधिकारी हैं । बयान के अनुसार, नीमकापाड़ा के पूर्व तहसीलदार और प्रभारी, उप पंजीयक रामचंद्र जेना पर भ्रष्टाचार के तीन मामलों का आरोप है । विजिलेंस ने हाल ही में उसकी हिरासत से कई पैन कार्ड और पांच लाख रुपये से अधिक की वसूली की थी। साथ ही जगतसिंहपुर गौरंगा चरण महांती के पूर्व डिप्टी कलेक्टर को सरकारी धन की हेराफेरी और सरकारी कार्यक्रमों के आवंटन में विसंगतियों से जुड़े सात विजिलेंस मामलों का सामना करना पड़ रहा है।
इसी तरह सुंदरगढ़ जिले के लाठीकटा के पूर्व तहसीलदार और बरगढ़ जिले के वर्तमान बीडीओ अल्फोस बिलुंग पर भू-रूपांतरण और राजस्व वसूली में पक्षपात का आरोप लगा है।
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