भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर में 3 ट्रेनों के बीच हुई भिड़ंत में 280 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद रेलवे पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। विपक्षी दल से लेकर सोशल मीडिया यूजर्स सवाल कर रहे हैं कि जब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जब ‘कवच’ का उद्घाटन कर दिया था, तो उन्होंने कहा था कि इस रक्षा प्रणाली से ट्रेनों में टक्कर नहीं होगी, क्योंकि चालकों को पहले ही अलर्ट मिल जाएगा। सोशल मीडिया यूजर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और रेल मंत्रालय पर तंज कस रहे हैं।
जब एक Train Derail होकर दूसरे Railway Track पर आ गयी थी, तब 'Kavach' कहाँ था??
— Srinivas BV (@srinivasiyc) June 3, 2023
300 के आसपास मौतें, करीब 1000 लोग घायल। इन दर्दनाक मौतों के लिए कोई तो जिम्मेदार होगा? pic.twitter.com/Ys3RGZFRVS
उल्लेखनीय है कि इंडियन रेलवे द्वारा विकसित कवच का उद्घाटन मार्च 2022 में किया गया था। उस दौरान कहा गया था कि यह भारतीय रेलवे के लिए मील का पत्थर सिद्ध होगा। रेल दुर्घटनाओं को रोकने में इंडियन रेलवे के इस 'कवच' को मास्टर स्ट्रोक और बड़ी क्रांति बताया जा रहा था। मार्च 2022 में कवच टेक्नोलॉजी के ट्रायल में एक ही पटरी पर दो ट्रेनों को दौड़ाया गया था, इनमें से एक ट्रेन में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद सवार थे, वहीं दूसरी ट्रेन के इंजन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सवार थे। इन ट्रेनों में 'कवच सिस्टम' लगा होने के चलते एक ही पटरी पर आमने-सामने आने के बावजूद ट्रेनों में टक्कर नहीं हुई थी और यह परीक्षण सफल रहा था।
इस बीच अब तक के सबसे दर्दनाक ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर सवालों में घिरने पर भारतीय रेलवे ने जवाब दिया है। रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा है जिस रूट पर यह हादसा हुआ है, उस रूट पर ऐंटी-कॉलिजन कवच सिस्टम नहीं लगाया जा सका था। फ़िलहाल, रेलवे द्वारा देश के हर रूट पर कवच को लगाने की प्रक्रिया चल ही रही है। वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 2,164 किलोमीटर के लिए कवच प्रणाली को रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दी है। सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग द्वारा प्रथम चरण में 615 किलोमीटर लंबी नागपुर से झारसुगुड़ा रेल खंड में सर्वे का कार्य शुरू किया जा चुका है। हालाँकि, यदि इस रुट पर कवच सिस्टम लग चूका होता, तो यह दर्दनाक हादसा न होता और सैकड़ों लोगों की जान न जाती, लेकिन देशभर के सभी रूटों पर इस सिस्टम को लगाने का काम उतना आसान भी नहीं, इसमें समय लगता है। अब रेलवे कवच लगाने की इस प्रक्रिया को और तेज करने की तैयारी कर रही है।
आतंकवाद का कोई धर्म नही होता! फिर आतंकी बनने से पहले धर्म क्यों बदलना पड़ता है ?